भट्ट ने कहा कि कोटड़ा का विकास करना है तो यहां के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना होगा। वहां प्राप्त होने वाली विभिन्न वनोपज से यहां के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करा सकते हैं। इसके लिए उन्होंने यहां प्राप्त होने वाली वनोपज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने एवं उसकी पैकिंग से पहले बिक्री हेतु उपयुक्त मार्केट तलाशने पर जोर दिया। उन्होंने सामुदायिक वन क्षेत्र के प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने भूमिहीन लोगों को कृषि भूमि का आवंटन करने के निर्देश दिए और कहा कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर लाभ दिया जा सकता है। उन्होंने अभयारण्य में सडक़ की समस्याओं को लेकर वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए।
बैठक में सामने आया कि क्षेत्र में एक ही रोडवेज बस आती है और अन्य निजी बस, जीप आदि वाहनों पर ऑवरलोडिंग की समस्या रहती है। भट्ट ने संबंधित अधिकारियों को इस दिशा में प्रभावी कार्यवाही करते हुए रोडवेज बसों का संचालन बढ़ाने व आवागमन के प्रभावी इंतजाम के निर्देश दिए। डीटीओ डॉ कल्पना शर्मा ने कहा कि अब आमजन घर बैठे लाइसेंस बनवा सकते है व 15 मिनट में लर्निग लाइसेंस बनकर तैयार हो जाता है।
जनजाति महिला द्वारा तैयार हर्बल गुलाल को प्रोत्साहित करने के भट्ट ने निर्देश दिए। उन्होंने उपभोक्ता भंडार व अन्य संस्थाओं के माध्यम से इसकी बिक्री करने के निर्देश दिए तथा हर्बल गुलाल के नवीन प्रोडक्ट का लोकार्पण भी किया।
बैठक में भट्ट ने भवन विहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को भूमि आवंटित करने के निर्देश दिए। कोटड़ा को कुपोषण से मुक्त करने के लिए उन्होंने बांसवाड़ा मॉडल को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने आयुक्त ने आंगनबाड़ी केंद्रों में वजन नापने वाली मशीनों के खराब होने पर चिंता जताई।