ऐसे भगवान की जमीने खुर्द-बुर्द हुई – गोवर्धन विलास में पहले जहां थाना संचालित था वहां गोकुल चंन्द्रमा जी की गौशाला थी जब से थाना नए भवन में शिफ्ट हो गया उसके बाद भी वहां से अभी तक देवस्थान को कब्जा नहीं मिला।
-गोवर्धन विलास, बलीचा, सविना, भुवाणा, कविता, मावली में मंदिरों की भूमि गौशाला के लिए दी गई थी जिन पर कब्जे, निर्माण हो गए थे।
– सविना, भुवाणा, बलीचा आदि क्षेत्र में मंदिर की जमीनों पर कॉलोनियां कट चुकी, इनमें कुछ कब्जे है तो कुछ पर आवासन मंडल व यूआइटी ने अवाप्त कर ली।
– सेवानिवृत आईएएस डी.बी. गुप्ता ने देवस्थान का रिकार्ड कम्प्युटराइज्ड कराया था। इसके बाद इन जमीनों की सुरक्षा को लेकर कोई काम नहीं हुआ। सबसे बड़ी बात तो यह है कि कई मामले बरसों से कोर्ट-कचहरी में चल रहे है।
आधी घास गांव वालों की तो आधी गौशाला आती
गोवर्धन विलास के पुराने पुलिस थाने में गौशाला चलती थी व वहां बड़ा घासघर भी था।
इस तरह कृषि भूमि की स्थिति
– लोगों ने अतिक्रमण कर लिए
– यूआईटी व आवासन मंडल ने अवाप्त कर ली
– अवैध गौशलाएं संचालित
– मामले कोर्ट में बरसों से विचाराधीन मंदिर का नाम… कृषि भूमि खाते
लाखन श्याम जी, उथरदा… 12.9900
बाण माताजी कंवरपदा महल… 0-9300
श्याम सुंदर जी… 903.1550
जगत शिरोमणि मंदिर… 132.3618
गोकुल चन्द्रमा… 581.75
वृदांवन चन्द्रमा… 14.7180
जगन्नाथ राय, जगदीश चौक… 27.6024
भोजनाथ महादेव, एमजी कॉलेज पास… 3.2850
उदय श्याम जी, उदयसागर… 103450
(हैक्टयर में)
देवस्थान में वर्जन….
हमने इस पर सर्वे वगैरह कराना शुरू कर दिया। अभी हम एक-एक गांव ले रहे है। इसके साथ ही संबंधित तहसीलदारों को देव भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए भी पत्र लिख रहे है और उसका फॉलोअप भी कर रहे है। उदयपुर जिले के कविता में हमने पिछले कुछ महीने पहले केस जीतने के बाद कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाया और वहां चारदीवारी का काम भी किया। स्टाफ की कमी भी है और कोविड की वजह से काम प्रभावित हुआ है लेकिन हमारा इस पर पूरा फोकस है।
– डा. प्रियंका भट्ट, सहायक आयुक्त देवस्थान