—— 2016 में हुआ था अनुबंध लीड एज्यूकेशन एण्ड हैल्थ सोसायटी (एलइएचएस) नई दिल्ली की ओर से प्रदेश में सात प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का पीपीपी मोड पर संचालन किया जा रहा था, लेकिन अब सोसायटी ने इसके संचालन में असमर्थता जताई है। ये अनुबंध वर्ष 2016 में पांच वर्ष तक के लिए हुआ था। इसमें बारा जिले के एक स्वास्थ्य केन्द्र सहित बामनगांव बूंदी, लोसाना व सिरसला चूरू, भालता झालावाड़, बरदरा राजसमन्द व बिकरनी उदयपुर को पीपीपी मोड पर चलाने का अनुबंध था। इसे लेकर एलइएचएस ने 28 अगस्त को निदेशालय को पत्र भेज इन पीएचसी के पीपीपी मोड पर संचालित करने में असमर्थता जताई है। ऐसे में अब सरकार इस कंपनी की सिक्यूरिटी राशि जब्त कर रही है। चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य निदेशक ने आदेश जारी किए हैं इन स्वास्थ्य केन्द्रों की परफोरमेंस सिक्यूरिटी राशि संबंधित जिला स्तर से जब्त करने की कार्रवाई कर अनुबंध निरस्त कर 31 अगस्त तक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का चार्ज लेकर वैकल्पिक व्यवस्था कर ले।
—– उदयपुर में पहले आठ और अब सात उदयपुर जिले में बिकरनी सहित आठ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को पीपीपी मोड पर दिया गया था, इसमें ये शामिल थे। अब ये सात रह गए। – गीताजंली- सवीना, लूणदा, कुण, मालवा का चोरा, सदतड़- मातृदर्शन शिक्षा समिति- चांसदा- एलइएचएस विश फाउण्डेशन- बिकरनी, मांडवा
—- अब खंगालेंगे प्रदेश के सभी 34 पीएचसी अब प्रदेश के सभी 34 पीएचसी को खंगाला जाएगा जो पीपीपी मोड पर संचालित हैं इसके लिए एक न्यायाधीश, संयुक्त निदेशक, सीएमएचओ और एएओ का दल एक-एक स्वास्थ्य केन्द्रों की बारीकी से जांच करेगा।
—– ये है पीपीपी मोड का सिस्टम- पीपीपी मोड पर दिए गए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए सरकार इन अनुबंध वाली कंपनियों को 1.75 से 2.25 लाख रुपए तक दिए जाते थे। – इसमें पूरा स्टाफ कंपनी के माध्यम से लगाया जाता था, जबकि आधारभूत सुविधाएं सरकारी ही रहती थी।
—– एक पीएचसी का अनुबंध निरस्त किया गया है। अब जिले में केवल सात रह गई हैं। डॉ दिनेश खराड़ी, सीएमएचओ उदयपुर