नाक-मुंह सिकोड़ने लगे पर्यटक पिछोला झील में बढ़ रही गंदगी से अब पर्यटक भी नाक मुंह सिकोड़ने लगे हैं। चाहे अमराई घाट हो या नई पुलिया का छोर झील के किनारों पर बड़ी तादाद में गंदगी और खरपतवार नजर आ रही है। अमराई घाट का किनारा पॉलीथिन व जलीय वनस्पती से अटा है।
34.50 लाख में होगी मशीन की मरम्मत गत 4 मार्च को हुई नगर निगम की प्रशासनिक समिति की बैठक में नई डी-विडिंग मशीन क्रय करने का प्रस्ताव लिया जा चुका है। लेकिन नई मशीन आने में काफी वक्त लगेगा, तब तक उदयपुर शहर की झीलों से खरपतवार निकालने की डी-वीडिंग मशीन की मरम्मत करवाने का प्रस्ताव रखा गया। जिसकी लागत लगभग 34.50 लाख रुपए है। कार्यकारी एजेंसी की ओर से उस मशीन का 5 वर्ष तक मेंटेनेंस भी किया जाएगा। नई डिवाइडिंग मशीन आने तक मशीन की मरम्मत करवाने का निर्णय किया जा चुका है।
डी-विडिंग मशीन की रिपेयरिंग के टेंडर कर दिए गए हैं। जल्द ही इसे ठीक करवाकर झील की सफाई का कार्य शुरू करवाया जाएगा। वहीं एक नई मशीन खरीदने का प्रस्ताव भी लिया जा चुका है। इसके लिए भी शीघ्र निविदा प्रक्रिया शुरू करवाएंगे।
– मनोहर चौधरी, अध्यक्ष, गैराज समिति, नगर निगम, उदयपुर डी-विडिंग मशीन से झील की सतह पर तैरती जलीय खरपतवार को हटाया जाना चाहिए। मशीन में कुछ आवश्यक मरम्मत की दरकार है। इसका इंजन गत वर्ष ही नया लगा है। कुछ टूट फूट रिपेयरिंग कर नगर निगम अपने स्तर पर यह मशीन चलाए तो दो लाख रुपए से कम खर्च पर चल सकती है। यदि मशीन से जलीय खरपतवार समय रहते नहीं निकाली गई तो आने वाली गर्मी में पूरी झील में फैल जाएगी।
– तेज शंकर पालीवाल, पूर्व सदस्य, झील विकास प्राधिकरण