scriptOlympic Games : विदेशी धरती पर कमाल दिखाएंगी राजस्थान की ये बेटियां | Olympic Games : Seven daughters of Rajasthan in Indian team of Lacrosse game | Patrika News
उदयपुर

Olympic Games : विदेशी धरती पर कमाल दिखाएंगी राजस्थान की ये बेटियां

गर्व की बात है कि ओलंपिक में दशकों बाद शामिल हुए इस खेल में राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान से आदिवासी अंचल की बेटियों का चयन हुआ है।

उदयपुरJun 30, 2024 / 10:50 am

Anil Prajapat

Rajasthani players
उदयपुर। उज्बेकिस्तान में 1 जुलाई से ओलंपिक खेल की लैक्रोस एशियाई सीनियर महिला प्रतियोगिता में मेवाड़-वागड़ की 7 बेटियां भी कमाल दिखाएंगी। ये गर्व की बात है कि ओलंपिक में दशकों बाद शामिल हुए इस खेल में राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान से आदिवासी अंचल की बेटियों का चयन हुआ है। इसमें उदयपुर से 6 और बांसवाड़ा की 1 बेटी शामिल है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया पर बेटियों के इस मुकाम तक पहुंचने पर उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की है।

भारतीय टीम में चयनित कुल 12 खिलाड़ियों में से 7 राजस्थान से

लैक्रोस भारतीय टीम में कुल 12 खिलाड़ी हैं, जिसमें राजस्थान से 7 खिलाड़ी चयनित हुई हैं। इनमें उदयपुर की सुनीता मीणा, डाली गमेती, विशाखा मेघवाल, मीरा दौजा, झूला गुर्जर, हेमलता डांगी और बांसवाड़ा की दीपिका बामनिया शामिल हैं। वे फिलहाल प्रशिक्षक नीरज बत्रा के साथ प्रतियोगिता के लिए आगरा में पूर्व प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रही हैं।
प्रशिक्षक नीरज बत्रा ने बताया कि ये खिलाड़ी पहले हॉकी और हैंड बॉल खेलती थी। कुछ महीनों पूर्व एशियन पेसिफिक लैक्रोस यूनियन की ओर से भारत में कैंप लगाए गए, जिसमें राजस्थान से उनका चयन प्रशिक्षण के लिए किया गया। इसके बाद उन्होंने यहां बच्चियों को इस गेम के बारे में बताकर प्रशिक्षण देना शुरू किया। फिर राष्ट्रीय स्तर पर हुई प्रतियोगिता में राजस्थान की लड़कियों ने गोल्ड मेडल जीता। इससे उनका जोश और बढ़ गया।
Rajasthani players

ये होता है लैक्रोस गेम

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने वर्ष 2028 के लॉस एंजिल्स खेलों में लैक्रोस गेम को शामिल करने की मंजूरी दी है। लैक्रोस एक टीम स्पोर्ट है. जिसे लैक्रोस स्टिक और लैक्रोस बॉल के साथ खेला जाता है। इसकी उत्पत्ति उत्तरी अमरीका में 12वीं शताब्दी में हुई थी। खिलाड़ी गेंद को गोल में ले जाने, पास करने, पकड़ने और शूट करने के लिए लैक्रोस स्टिक के सिर का उपयोग करते हैं। गेम 45 मिनट का होता है जिसमें 5 मिनट का ब्रेक होता है। इसके अलावा 8-8 मिनट के पांच राउंड होते हैं। एक टीम को गोल करने के लिए 30 सैकंड का ही समय मिलता है। ये खेल 1904, 1908 में ओलंपिक में खेला जा चुका है।

Hindi News / Udaipur / Olympic Games : विदेशी धरती पर कमाल दिखाएंगी राजस्थान की ये बेटियां

ट्रेंडिंग वीडियो