छात्रों के लिए खुशखबरी, अब एक साथ ले पाएंगे डिप्लोमा और डिग्री, जानिए कब, कहां और कैसे?
किरण ने बताया कि उसने 12वीं वर्ष 2019 में 94 प्रतिशत अंकों के साथ की थी। इसके बाद से ही अपने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए वे नीट की तैयारियों में जुटी थीं। वर्ष 2020 तो कोरोना में ही बीत गया। इसके बाद 21 और 22 में वह कुछ अंकों से रह गई। इसके बावजूद उसने हार नहीं मानी और एक ही लक्ष्य रखते हुए रात-दिन तैयारियों में जुटी रही। किरण ने बताया कि कई बार मुश्किलें आईं। जीवन में संघर्षों का दौर भी आया, लेकिन परिवार ने पूरा साथ दिया। किरण ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और अंकल को दिया। किरण के अनुसार नीट या अन्य कोई लक्ष्य मुश्किल नहीं है, अगर उसके लिए निरंतरता रखी जाए तो सफलता संभव है। उदयपुर आकर कोचिंग की और 9 से 10 घंटे पढ़ाई में ही बीतते थे। वहीं, मोबाइल और सोशल मीडिया से बिल्कुल दूरी बनाए रखी।