इंदौर। महापौर मालिनी गौड़ के खिलाफ दो पदों पर रहने के खिलाफ हाई कोर्ट में एक नई जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में गौड़ी को महापौर या विधायक में से एक पद से हटाने की मांग की गई है।
गौड़ महापौर होने के साथ विधानसभा क्षेत्र क्रमांक चार से विधायक भी हैं। एडवोकेट मनोहर दलाल के माध्यम से पीयूष जैन द्वारा लगाई गई याचिका में हाई कोर्ट की एकल पीठ द्वारा इस मामले में पिछले दिनों दिए गए फैसले को भी चुनौती दी गई है जिसमें कहा गया था कि विधायक रहते हुए गौड़ को महापौर रहने अधिकार है।
याचिका में मुनसिपल कॉरपोरेशन एक्ट के उन प्रावधानों को भी चनौती दी गई है जिसमें गौड़ को दोनों पदों पर रहने की इजाजत है। जस्टिस पीके जायसवाल और जेके जैन की युगल पीठ ने याचिका पर जिला प्रशासन, नगर निगम और मालिनी गौड़ को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
एडवोकेट लौकेंद्र जोशी ने बताया कि हमने याचिका में संविधान की धारा 243 (आर) का उल्लेख किया है जो गौड़ को दोनों पदों पर रहने से रोक लगाने से संबंधित है। विधायक रहते हुए गौड़ ने जो महापौर पद का चुनाव लड़ा वह भी संविधान की इसधारा का उल्लंघन करती है। मुनसिपल कारपोरेश एक्ट में शामिल उपबंध को भी चनौती दी गई है।
मालूम हो कि गौड़े के महापौर बनने के बाद दिग्विजय सिंह भंडारी द्वारा याचिकादायर कर गौड़ को महापौर पद से हटाने की मांग की थी, पिछले दिनों हाई कोर्ट की एकल पीठ ने याचिका खारीज कर दी थी, इस नई याचिका में एकल पीठ के फैसले को भी चुनौती दी है।
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