मेयर मंगलवार को वर्मा पार्क पहुंचे थे। प्रवेश द्वार पर कलश लिए स्टेच्यू के फव्वारे बंद थे। पार्क में जगह-जगह लाइटें भी टूटी मिलीं। झूले, फिसल-पट्टी आदि भी क्षतिग्रस्त थे। पर्यटकों के लिए पानी तो दूर, बैठने की व्यवस्था तक नहीं थी। प्याऊ की सभी टोंटियां टूटी थीं। माणिक्यलाल वर्मा की प्रतिमा पर धूल-मिट्टी जमी थी, जबकि पास ही सीढिय़ों के पत्थर उखड़े थे। पार्क में अतिक्रमण के साथ ही गंदगी भी मिली। बिजली के खंभे और पाइप लाइनें अस्त-व्यस्त थे। जंगली व बाघ का सीमेंटेड स्टेच्यू भी क्षतिग्रस्त मिला। है। नियमित सैर के लिए आने वालों ने बताया कि पार्क में दूब भी सही नहीं है। मेयर ने अधिकारियों से सवाल किए, तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। महापौर ने व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
बोटिंग टिकट केबिन से अतिक्रमण
निगम ने चार वर्ष पहले दूध तलाई पर पैडल बोट का संचालन किया था। पैडल बोट कुछ ही समय चली। फिर वहां टिकट केबिन लगाकर अतिक्रमण कर लिया गया। दूसरे केबिन संचालकों ने भी आसपास की खाली जगह पर टेबल-कुर्सियां फैला ली हैं।
गुलाब बाग में देखे निर्माण कार्य
मेयर कोठारी ने बुधवार को गुलाब बाग का निरीक्षण किया। गुलाबबाड़ी में पौधो की जानकारी ली। निर्माण कार्यों का जायजा लिया। जिम की मशीनें खराब देख सुधारने को कहा। महिलाओं के लिए बने जिम में छह मशीनें और लगेंगी। ड्यूटी प्वाइंट पर होमगार्ड को नहीं पाकर महापौर ने हिदायत दी। कमल तलाई का निर्माण कार्य और गांधी पार्क में पानी की निकासी का कार्य देखा। इस बीच सफाईकर्मी जगह-जगह कचरा जलाते हुए मिलीं। मेयर ने गुलाब बाग में कचरा नहीं जलाने के लिए पाबंद किया।