यश साहू ने कहा कि बीते दिनों एक आरोपी की जमानत हुई थी और गुरुवार को एक और आरोपी जावेद की जमानत हो गई। कन्हैया हत्याकांड कोई मामूली घटना नहीं थी। इस तरह के गंभीर मामले में आरोपी की जमानत नहीं होनी चाहिए थी। जावेद के घटना में शामिल होने के सबूत पाए गए थे। उसी ने मेरे पिता के दुकान पर मौजूद होने की सूचना मुख्य आरोपियों को दी थी। आरोपी की भूमिका साबित करने में एनआईए फेल हुई है। ऐसे तो संभव है कि एक के बाद एक सभी आरोपी छूट सकते हैं। ये भी संभव है कि मुय आरोपी भी छूट जाए।
सीएम ने दिया था आश्वासन
यश
ने कहा कि पेशी पर जाने के दौरान एक बार वह सीएम से भी मिला था। उस समय लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी हुई थी। चुनाव के बाद केस में जल्द से जल्द न्याय दिलवाने का आश्वासन दिया। कन्हैया की पत्नी जशोदा ने कहा कि हम तो आम नागरिक हैं। आरोपियों ने तो प्रधानमंत्री को भी धमकी दी थी। इसके बावजूद सजा देने में इतना समय क्यों लग रहा है?
केस फास्ट ट्रेक कोर्ट में क्यों नहीं?
कन्हैया के बेटे ने कहा कि उसके पिता की हत्या का केस गंभीर तरह का था। इसके बावजूद फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं लिया गया। फास्ट ट्रैक में सुनवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन पांच माह पहले ही पेशियां शुरू हुई है। चार पेशियों में से दो में कुछ नहीं हुआ। एक में वह खुद नहीं जा सका और एक पेशी में बयान लिए गए। उस समय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आरोपियों को दिखाया गया। आरोपियों ने हत्या करना स्वीकार कर लिया तो केस को लंबा खींचने का कारण समझ से परे है।