चेन्नई से आए शासनरत्न मनोज हरण भी मौजूद थे। प्रात: शुभ मूहूर्त में भगवान की मंगल प्रतिष्ठा कर प्रतिमा के चारों ओर तथा मंदिर के गर्भगृह में कुमकुम के छापे लगाए गए। विधिकारक द्वारा लाभार्थी परिवार के हाथों, माणकस्तंभ रोपण, तोरण बांधना, कलश स्थापना एवं ध्वजारोहण हुआ। आचार्यश्री ने प्रतिष्ठा महोत्सव पर विस्तार से प्रवचन दिया। ट्रस्ट के सहसचिव अनीश कोठारी ने बताया कि प्रवचन के दौरान विशिष्टजनों एवं प्रतिष्ठा महोत्सव में सहयोग करने वालों का ट्रस्ट की ओर से बहुमान किया गया। दोपहर को श्री विश्वशांतिकर अष्टोत्तरी एवं शांतिस्नात्र महापूजन हुआ। इस दौरान भगवान की विशेष अंगरचना की गई वहीं कुमारपाल राजा द्वारा 108 दीपक से मंगल आरती गई।