ये क्या दिन आ गए: एमपीयूएटी के पूर्व कुलपति को कहना पड़ गया कि उन्हें मृत मानकर परिवार की पेंशन शुरू कर दी जाए
पूर्व कुलपति को भी नहीं मिल रही पेंशन, एमपीयूएटी के पेंशनर्स की बढ़ी चिंताएं
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
डॉ. सुशील सिंह चौहान/ उदयपुर. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि से सेवानिवृत्त प्राध्यापकों एवं स्टाफ को बीते 10 माह से पेंशन नहीं मिल रही। पेंशन के अभाव में परिवारों की आर्थिक हालत गंभीर होती जा रही है। आलम यह है कि अब पूर्व कुलपति सेवानिवृत्त प्रो. को परिवार पालने के लिए वर्तमान कुलपति से गुहार लगानी पड़ गई। यहां तक कहना पड़ गया कि उन्हें मरा हुआ मानकर परिवार को मिलने वाली पेंशन उपलब्ध करा दी जाए।
पीडि़त पेंशनर्स ने आरोप लगाया कि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पेंशनर्स वेलफेयर सोसाइटी ने विश्वविद्यालय एवं राज्य सरकार के सक्षम अधिकारियों को कई बार पत्र लिखे। साथ ही मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री एवं अन्य नेताओं से पेंशन को लेकर गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर पेंशन की समस्याओं को लेकर समाधान नहीं हो सका है। समिति ने बताया कि विवि ने यूआईटी को उद्यानिकी फार्म का महत्वपूर्ण भूभाग बेचने के लिए दिया है, ताकि उस आय से पेंशन अदा की जा सके। लेकिन, प्लॉट नहीं बिकने के कारण कोई समाधान नहीं हो सका। समस्या के चलते पेंशनर्स दर-ब-दर ठोंकरें खा रहे हैं। जनवरी 2018 से नियमित पेंशन नहीं मिल रही है। पूर्व कुलपति प्रो. वीबीसिंह ने वर्तमान विवि कुलपति को पत्र लिखकर पेंशन दिलाने की मांग की। आश्वासन के बावजूद स्थानीय कुलपति मामले को लेकर किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पा रहे।
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