READ MORE: MATH TRICKS@ दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले उदयपुर के प्रनित ने बना दी पट्टी पहाड़े की लघु विधि बैठक में हुए निर्णय के अनुसार विश्वविद्यालय को वित्तीय कार्यों से जुड़ी सभी जानकारियां एक ई- पोर्टल उपलब्ध करानी होंगी। विश्वद्यालयों को कैशलेस बनाया जाएगा। लेन- देन, संसाधन खरीद, खर्च आदि का विवरण एक ई पोर्टल पर रहेगा। टेंडर आदि कार्य भी ऑनलाइन किए जाएंगें। समान गाइड लाइन तैयार हो जाने के बाद विवि ऑफ लाइन टेंडर आदि कार्य नहीं कर सकेंगें।
READ MORE: शराबबंदी ने यहां अपराधों को दिया मुंहतोड़ जवाब, महिलाओं की आबरू हुई सुरक्षित अभी तक है यह व्यवस्था वित्तीय मामलों और लेखांकन को लेकर विश्वविद्यालयों अलग- अलग व्यवस्थाएं हैं। ज्यादातर विश्वविद्यालयों में संसाधन, उपकरण आदि के खरीद कार्य ऑफ लाइन किए जाते हैं। अनुदान व दूसरी मदों प्राप्त राशि का ब्यौरा फाइलों में रखा जाता है। इसमें कई बार त्रुटियां भी हो जाती हैं। कई विश्वविद्यालयों में उपकरणों की खरीद आदि में अनियमितता के मामले भी सामने आ चुके हैं।
विश्वविद्यालय इस दिशा में जल्दी कार्य शुरू कर देगा। वित्तीय कार्यों के लिए सभी विश्वविद्यालयों के लिए समान गाइड लाइन बनने से पारदर्शिता में बढ़ोत्तरी होगी। -प्रो. उमा शंकर शर्मा, कुलपति, एमपीयूएटी