मामला प्रतापनगर थाने का है, जिसका खुलासा रविवार को एसपी भुवन भूषण यादव ने किया। उन्होंने बताया कि अवैध पिस्टल रखने के मामले में केशवनगर निवासी राहुलराज चतुर्वेदी को गिरफ्तार किया गया। सामने आया कि उसने भानुप्रिया नामक महिला की हत्या की। चार साल पहले भानुप्रिया राहुलराज के साथ लिवइन में रहती थी। पूछताछ में उसने भानुप्रिया की चार वर्ष पहले हत्या करना स्वीकार किया। राहुल राज पहले राजसमंद राजनगर निवासी सत्यनारायण पालीवाल के मकान में किराए पर रहता था। वर्ष 2019 में उसके साथ झाड़ोल निवासी भानुप्रिया पत्नी नारायण गिरी गोस्वामी रहती थी। तलाक हो गया तो वह अलग हो गई। राहुल राज के साथ रहते दोनों में आए दिन झगड़ा होता। 12 मई 2020 को दोनों के बीच काफी झगड़ा हुआ। इसी को लेकर राहुलराज ने भानुप्रिया का गला दबाकर हत्या कर दी।
इस तरह चला घटनाक्रम राहुल राज ने बताया कि भानुप्रिया व बच्चे 29 जुलाई 2019 को शिवरात्रि पर दहेलीगेट स्थित हनुमान मंदिर पर मिले। परिचय होने पर भानुप्रिया लाचारी बताकर रोई थी। उसने अपने आप और बच्चों को दो दिन से भूखा होना बताया था। अगले दिन राहुल राज, भानुप्रिया और बच्चों को राजसंमद ले गया। भानुप्रिया उदयपुर आती-जाती रहती थी। कुछ समय बाद उसे पति ने तलाक दे दिया और दोनों बच्चों को अपने पास रख लिया। आरोपी ने लाश ठिकाने लगाने के लिए यू-ट्यूब पर तरीके खोजे। लाश ड्रम में डालने के बाद 12 मई सुबह 4 बजे तक लाश को ठिकाने लगाने के कई प्रयास करता रहा, लेकिन लॉकडाउन में सख्ती के चलते लाश ठिकाने नहीं लगा पाया। उसी के अनुसार उसने योजना बनाई। उसने लोहे के पुराने ड्रम में शव डालकर बन्द कर दिया। दूसरे दिन बाजार से सीमेन्ट लाया और ड्रम को पैक कर दिया। दो साल तक ड्रम ऐसे ही पड़ा रहा। उसने क्राइम पेट्रोल के एपिसोड देखकर ड्रम को सीमेंटेड कर दिया। जून 2022 में ड्रम का पैंदा लीकेज होने पर गंध आने लगी। इस पर मकान मालिक सत्यनारायण पालीवाल ने पूछताछ की। राहुल राज ने कमरे की सफाई की और मकान मालिक को भरोसे में लेकर पूरी बात बताई। दोनों ने शव ठिकाने लगाने की योजना बनाई। दोनों ने ड्रम बाड़े में ले जाकर लाश जला दी। इसके बाद आरोपी ने हड्डियों को पीसकर बडारड़ा के पास बनास नदी में डाल दिया।
चार साल बाद मिले साक्ष्य आरोपी राहुल राज द्वारा हत्या का खुलासा करने पर थानाधिकारी ने इस बारे में उच्चाधिकारियों को बताया। जिस पर प्रतापनगर थानाधिकारी हिमांशु सिंह को विशेष अनुसंधान यूनिट तथा एफएसएल मोबाइल यूनिट के साथ राजसंमद भेजा गया। टीम ने राजसमंद जाकर अथक प्रयास कर आरोपी बताए कमरे व लाश को जलाने वाले स्थान और बनास नदी के पुल से गिराई राख के स्थान पर उपकरणों से जांच की तो हत्या की पुष्टि हुई। थानाधिकारी हिमांशुसिंह और डीएसटी प्रभारी देवेन्द्र देवल के नेतृत्व हैड कांस्टेबल विक्रमसिंह, धर्मेन्द्रसिंह, अनिल, उपेन्द्र सिंह, रामनिवास, रविन्द्र, सीताराम, उत्कर्ष की टीम ने जांच की।