लॉकडाउन के कारण हर वर्ग प्रभावित हुआ है। ऐसे में यातायात बाधित होने से मौसमी फलों की भी कमी आई है। इस साल आम पर दो तरह की मार पड़ी है। एक तो कम पैदावार का साल और ऊपर से लॉकडाउन। लिहाज आम की आवक कम दरें ज्यादा बनी हुई है। मंडी समिति से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को करीब 1100 क्विंटल आम की आवक हुई। निर्जला एकादशी का असर होने से एक दिन पहले सोमवार को 2220 क्विंटल आवक हुई।
फल-सब्जी मण्डी में व्यापारी लकी खत्री ने बताया कि प्राकृतिक रूप से फलों में एक साल अच्छी पैदावार तो दूसरे साल कमजोरी रहती है। पिछले साल आम की अधिक पैदावार हुई थी। लिहाजा इस साल पैदावार भी कम हुई है। दो तरह का असर होने से कीमत ज्यादा है। पिछले साल से 5-10 रुपए प्रतिकिलो सभी किस्मों पर अधिक दर लग रही है। ऐसे में खुदरा भाव भी अधिक बना हुआ है।
किस किस्म के कितने दाम तोतापुरी — तमिलनाडू व आंद्रप्रदेश — 35 से 50 रुपए किलो बादम — तमिलनाडू व आंद्रप्रदेश — 60 से 70 रुपए किलो
केसर — गुजरात मांगरोल — 80 से 90 रुपए किलो
हापुस — गुजरात — 150 से 250 रुपए किलो