आग लगते ही खाट पर खेल रही चार वर्षीय पायल पुत्री थावरिया मीणा दौड़ कर बाहर आ गई। जबकि उसकी तीन वर्षीय वहन अंजली खाट पर ही रह गई। जो आग की लपटों में जिंदा जल गई। झोपड़े के नजदीक दूसरे किसी का मकान या झोपडा बना हुआ नहीं होने से किसी प्रकार की तत्काल मदद नहीं मिल सकी। सूचना पर उपखंड अधिकारी सुरेंद्र बी पाटीदार व थानाधिकारी लीलाधर मालवीय मय जाप्ता मोके पर पहुंचे।
पिता मजदूरी पर, मां पानी लेने गई थी
घटना के समय दोनों बालिकाओं की मां पानी लेने गई थी। जबकि पिता थावरिया मजदूरी पर। पास में खेत पर काम कर रहा उनका दादा मौके पर पहुंचा तब तक मासूम की मौत हो चुकी थी। मौके पर एकत्रित सरपंच एवं ग्रामीणों ने घायल बालिका को जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती कराया। पुलिस ने मृतक बालिका का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया।