अचानक लोग चौराहों पर गाने लगे वंदेमातरम
वंदे मातरम महोत्सव का आगाज, भारत मां की आरती, वन्देमातरम् की 145वीं वर्षगांठ
उदयपुर•Nov 08, 2019 / 02:35 am•
Pankaj
अचानक लोग चौराहों पर गाने लगे वंदेमातरम
उदयपुर . आलोक संस्थान, आलोक इंटरेक्ट क्लब, भारत विकास परिषद मेवाड़, रोटरी क्लब उदयपुर तथा अन्य संगठनों ने मिलकर उदयपुर में 11 स्थानों बडग़ांव, साइफन, फतहपुरा देवाली, फतहसागर साईड, लोककला मण्डल, चेटक चौराहा, हाथीपोल, उदियापोल, पारस चौराहा, पटेल सर्कल, गवरी चौराहा, हाडी रानी चौराहा, सीए सर्कल, सूरजपोल पर एक साथ वंदे मातरम गायन का आयोजन किया गया। हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं, श्रमिक, कारीगर, किसानों, आमजन ने वंदे मातरम् का गान किया।
डॉ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि चौराहों पर आम जन को महाराणा प्रताप की पुण्य माटी हल्दीघाटी की माटी से तिलक लगाकर राष्ट्र भक्ति का राष्ट्र प्रेम का संदेश वंदे मातरम् गायन के साथ दिया गया। भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि कर माल्यार्पण किया गया। सभी चौराहों पर आलोक इन्टरेक्ट क्लब के छात्र-छात्राओं द्वारा देशभक्ति और पंचामृत संदेशों पर रंगोली सजाई गई।
इस अवसर पर डॉ. प्रदीप कुमावत ने पंचामृत मिशन के तहत पर्यावरण संरक्षण करेंगे, पेड़ लगाएंगे, पॉलीथीन का प्रयोग नहीं करेंगे, पानी बचाएंगे, बिजली बजाएंगे, बेटिओं को पढ़ाएंगे, कन्या भू्रण हत्या नहीं करेंगे ना करने देंगे संकल्प आमजन को दिलाएं।
डॉ. कुमावत ने कहा कि राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में जैसे एक महामंत्र के माध्यम समझा जा सकता और वह महामंत्र वंदे मातरम है। उन्होंने कहा कि बंकिम चंद्र चटर्जी ने आनंद भट्ट के साथ ही उन्हें नहीं पता था कि वह विश्व के इतिहास में एक ऐसे महामंत्र को लिखने जा रहे हैं जो आने वाले कई सदियों तक लोगों में प्रेरणा भरते रहेगा। भारतवर्ष का यदि कोई एक महामंत्र है तो वह वंदे मातरम है।
संयोजक डॉ. कुमावत ने बताया कि यह कार्यक्रम पिछले 16 वर्षों से वंदे मातरम को स्थापित करने की दृष्टि से किया जा रहा है ताकि आमजन कम से कम वर्ष में एक बार तो वंदे मातरम गायन जरूर करें।
इस अवसर पर फतहपुरा चौराहे पर अतिथि यूएस चौहान, निश्चय कुमावत, चेटक चौराहें पर पुष्कर लौहार, पुष्पा टांक, हाथीपोल पर गोपाल कनेरिया, धीरेन्द्र सालगिया, शशांक टांक, सूरजपोल पर मनीष तिवारी, सुभाष सिंघवी, पंकज बंधु, प्रतीक कुमावत सहित अनेक मौजूद थे।
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