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सर्जरी करने वाले डॉक्टर ने किया खुलासा
डॉ. हंसराज हाथी की 8 साल पहले बैरिएट्रिक सर्जरी करने वाले डॉ. मुफी लाकडवाला ने वेबसाइट स्पॉटबॉय को बताया है कि डॉ. हाथी इसलिए अपना वजन नहीं घटाना चाहते थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि फिर काम नहीं मिलेगा। डॉ. मुफी ने बताया कि 8 साल पहले कवि कुमार उनके पास बिल्कुल मृत हालत में आए थे। इससे पहले उन्हें डॉ. मुफी ने कई बार बैरिएट्रिक सर्जरी की सलाह दी थी, लेकिन काम न मिलने के डर से वे ऐसा नहीं कराना चाहते थे। उस समय कवि कुमार का वजन 265 किलो था। इस वजन के साथ वे चल भी नहीं सकते थे। उन्हें 10 दिन तक वेंटीलेटर पर रखना पड़ा, उन्हें इससे नहीं हटाया जा सकता था, क्योंकि वे इसके बिना सांस नहीं ले सकते थे।
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नहीं मानी डॉक्टर की सलाह
डॉ. मुफी ने बताया कि कुछ दिन बाद वे ठीक हो गए और उन्होंने 140 किलो वजन कम किया। वे सेट पर जाने लगे और नॉर्मल लाइफ जीने लगे। इसके बाद उन्हें दूसरी बैरिएट्रिक सर्जरी की सलाह दी गई, लेकिन वे इसके लिए राजी नहीं हुए। इससे उनका वजन 90 किलो तक कम हो सकता था। कवि कुमार को लगा कि वे फिर बेरोजगार हो जाएंगे। डॉ. मुफी ने उन्हें पैडिंग का इस्तेमाल कर कैमरा फेस करने की सलाह दी, लेकिन वे इसके लिए राजी नहीं हुए. इसके बाद उनका वजन 20 किलो बढ़ गया। वे 160 किलो के हो गए थे। लेकिन वे अब भी बैरिएट्रिक सर्जरी नहीं कराना चाहते थे।उम्मीद जताई जाती है कि यदि यह हो जाता तो आज डॉ. हाथी जिंदा होते।