शो जीतने पर थोड़ेे वक्त के लिए नाम
टीवी पर बहुत से रियलिटी शो आते हैं और उनमें से कई कंटेस्टेंट विनर भी बनते हैं लेकिन ज्यादातर विनर उसके बाद इंडस्ट्री में कम ही नजर आते हैं। इस बारे में आदित्य ने कहा- शो जीतने के बाद थोड़े वक्त के लिए उन्हें नाम और पैसा मिलता है लेकिन असली संघर्ष उसके बाद ही शुरू होता है। विनर बनने के बाद जो ये मान लेते हैं कि उन्हें सबकुछ आता है, उनका कॅरियर वहीं खत्म हो जाता है। इंडस्ट्री में काम इतनी आसानी से नहीं मिलता। उन्हें म्यूजिक डायरेक्टर्स से मिलना पड़ेगा। कई बार रिजेक्शन का सामना भी करना पड़ता है। अगर वे अपना रियाज और संघर्ष जारी रखते हैं तो जरूर सफल होते हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण नेहा कक्कड हैं। वे इस शो की कंटेस्टेंट रह चुकी हैं और आज इस शो में जज बनकर बैठी हैं।
म्यूजिक में आया कॉरपोरेट कल्चर
आदित्य का कहना है कि संगीत के क्षेत्र में भी कॉरपोरेट कल्चर आ गया है। हालांकि ये सिंगर्स के लिए भी अच्छा है लेकिन मेरी शिकायत इतनी है कि आज भी इंडस्ट्री में एंटरटेनर का सबसे उंचा दर्जा एक्टर को मिलता है। आप चाहें जितने भी बड़े म्यूजिशियन बन जाएं लेकिन ज्यादा तव्वजो और ब्रैंड वैल्यू लीड एक्टर को ही मिलती है।
इंडस्ट्री में बढ़ा इंडिपेंडेंट म्यूजिक
इंडस्ट्री में अब इंडिपेंडेंट म्यूजिक बढ़ रहा है। बॉलीवुड फिल्म में आप जब गाते हैं तो चेहरा किसी और का होता है लेकिन इंडिपेंडेट म्यूजिक से आपकी खुद की पहचान बनती है। सोशल मीडिया के जमाने में तो अब यह और भी आसान हो गया है। मैं ऐसे कई अच्छे सिंगर्स को जानता हूं, जिन्होंने पहले कई सुपरहिट सॉन्ग दिए हैं लेकिन अब उन्हें इंडस्ट्री में काम नहीं मिल रहा या पेमेंट उस हिसाब से नहीं मिल रही, जितनी उनकी काबिलियत है।
नेहा के साथ अच्छी बॉन्डिंग
‘इंडियन आइडल 11’ में होस्ट आदित्य और जज नेहा कक्कड के बीच चल रही चुहलबाजी दर्शकों को अच्छी लग रही है। इस बारे में आदित्य ने कहा कि नेहा के साथ उनकी अच्छी बॉन्डिंग है और दर्शकों को यह पसंद भी आ रही हैं। नेहा बहुत अच्छी सिंगर होने के साथ अच्छी इंसान भी हैं। उन्होंने जीवन में बहुत संघर्ष किया है और अपनी मेहनत के बल पर यह मुकाम हासिल किया है।