Bhagya Lakshmi 3 March 2022 Written Update: लक्ष्मी ऋषि से मिलने पहुंची अस्पताल
एपिसोड अपडेट नीलम के साथ शुरू होता हैं। वीरेंद्र ओबेराॅय नीलम से गुस्से में कहते हैं कि समझ रही हो तुम उस बेचारी को ऐसा लगा होगी कि वह घर में किसी को भी अपना नहीं बना सकी। वह पहले से ही भावनात्मक रूप से टूट गई थी। लेकिन नीलम आज तुमने उसे पूरी तरह से तोड़ दिया। नीलम इसे सुनने के बाद कहती हैं कि…
नीलम इसे सुनने के बाद कहती हैं कि- एक मिनट मैं समझ नहीं पा रही हूं और वह कहती हैं कि- वीरेंद्र आप ही चाहतो थे ना कि मैं सब कुछ बता दूं इसे सुनने के बाद गुस्से से वीरेंद्र कहते हैं कि- इस तरह नहीं चाहता था मैं तुम किसी के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर सकती हों। जिसे सुनने के बाद नीलम गुस्से में बोलती हैं कि आप उस लक्ष्मी के कारण हमसे लड़ रहे हैं। यह जानते हुए कि उस घर में क्या हुआ हमारे साथ। कितनी बेज्जती की हैं उसने हमारी। उस घर में हमने क्या- क्या नहीं बर्दाश किया हैं।
नीलम आगे कहती हैं कि- हम उससे भीख मांग रहे थे और वह नहीं आई। जिसे सुनने के बाद वीरेंद्र सबसे के सामने हंसने लगते हैं और कहते हैं कि तुम और भीख वह भी तुमने। मुझे पता हैं तुम कैसे भीख मांगती हो। और सभी को बीच में बोलने से मना कर देते हैं। वीरेंद्र आगे गुस्से से कहते है कि- तुम भीख तो मांगती हो लेकिन ऐसे जैसे तुम भीख दे रही हो।मुझे तुम्हारे भीख मांगने का अंदाज पता हैं। और आगे वीरेंद्र नीलम को कहते हैं कि अच्छा ही हुआ कि तुम्हारी बात सुन कर वह नहीं आई वरना वह लालची शाबित हो जाती।
नीलम सवाल करती है कि क्या वह जानते है कि वह किस बारे में बात कर रहा हैं। तो वीरेंद्र वह अच्छे से जानते है क्योंकि वह उसकी बेटी है, वीरेंद्र का कहना है कि उसने कुंडली देखने के बाद उसे ऋषि से शादी करने के लिए कहा था लेकिन वह करेगा ने उसे अपने बेटे से शादी करने के लिए भीख मांगी है, नीलम ने कहा कि वह उसके लायक नहीं है क्योंकि वह लक्ष्मी के अलावा किसी और को नहीं देख सकता है।
इसी बीच मलिष्का की माँ कहती है कि वह और कुछ नहीं देखेगा क्योंकि वह उससे बहुत प्यार करता हैं। और उसे अपनी बेटी मानने लगे हैं। जह कि वह उनकी बेटी नहीं हैं। मलिष्का की माँ नीलम को शांत रहने को कहती हैं। वीरेंद्र पूछता है कि वह लक्ष्मी के साथ उसके संबंध के बारे में क्या जानती हैं। क्योंकि यह आवश्यक नहीं है कि वह उसे अपनी बेटी के रूप में बुलाने के लिए उनके घर में पैदा हुई होने होगा। दिल का ऱिश्ता हैं हमारा। मैने बेटी माना हैं उसे बेटी ही रहेगी वह मेरी।
ऋषि अस्पताल में रहता हैं और पूरा परिवार ऋषि के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहा हैं। नीलम मलिष्का के साथ और उसकी माँ मंदिर के सामने प्रार्थना कर रही है इस बीच वीरेंद्र कमरे के बाहर खड़ा है। ऋषि जोर से सांस लेने लगते हैं जबकि लक्ष्मी अचानक उनका नाम पुकारती हैं और उनका हाथ बिस्तर से बाहर निकल जाती हैं।