अनुपमा के लिए वनराज ने लिया फैसला
समर अनुपमा के रूम में डॉक्टर की मिमीक्री करते हुए दाखिल होता है। अनुपमा ये देखकर हंसती है। वो कहता है कि रिपोर्ट्स नॉर्मल हैं। उन्हें अपने छोटे बेटे को खूब लाड करना है, बड़े बेटे को डांटना है और बेटी के कान खींचने हैं। अनुपमा भी बीमार होने का नाटक करती है और समर परेशान हो जाता है। फिर वो उसके कान खींचती है और कहती है कि पागल बदमाश छोकरा। वनराज मां और बेटे की प्यार भरी बातों को सुनकर खुश होता है। वनराज सोचता है कि अनुपमा की खुशी उसका परिवार है तो वो सभी को यहां बुला लेगा। उसने अब तक अनपुमा को सिर्फ तकलीफ दी है लेकिन अब वो सिर्फ खुशियां देगा।
अनुपमा ने देखी अपनी नेम प्लेट
समर अनुपमा को एक जगह ले जाता है और कहता है कि ये मम्मी का घर है। अनुपमा अपना किचन के जैसा सामान देखकर खुश हो जाती है। समर अनुपमा को उसके नाम के नेम प्लेट भी दिखाता है। वो याद करती है कि समर ने उससे कहा था कि वो उसे घर गिफ्ट करेगा जिसमें उसके नाम की नेम प्लेट होगी और वहां सिर्फ उसके ऑर्डर चलेंगे। वो अपनी नेम प्लेट को पास से देखती है और पूछती है कि ये कैसे हुआ। समर बताता है कि डॉक्टर अद्वैत समझ गए थे कि उन्हें वो रूम पसंद नहीं आया। इसलिए उन्होंने अपने कॉटेज का ऑप्शन दे दिया। वो बताता है कि अनुपमा के दोस्त भी आए हैं। वो पूछती है कौन देविका। वो कहता है कि वही जिनके साथ उनकी ढेर सारी बचपन की यादे हैं। वो अनुपमा को तुलसी का पौधा दिखाता है।
घरवालों ने किया अनुपमा का स्वागत
अनुपमा कहती है कि सबसे पहले उसे तुलसी पूजा करनी चाहिए। उसके बाद घर में प्रवेश करना चाहिए। पूरा परिवार अनुपमा का स्वागत करता है। बा 25 सालों बाद बहू की जगह अपनी बेटी की आरती उतारती हैं। अनुपमा अपना ऐसा स्वागत देखकर कहती है कि सिर्फ दो दिन के लिए ये सब क्यों किया गया है। बा उससे आरती करने को कहती है। अनुपमा ठाकुर जी की आरती कुंज बिहारी की करती है। सभी बहुत दुखी होते हैं लेकिन अनुपमा जैसे ही सबको देखती है सब मुस्कुराने लगते हैं। अनुपमा को लगता है कि सब लोग जरूर उससे कुछ छुपा रहे हैं।
(Precap – पूरा शाह परिवार अनुपमा के साथ डांस करता है। वनराज सोचता है कि वो अनुपमा को तब तक खुश रखेगा जब तक वो जिंदा है। अनुपमा डॉक्टर से अपनी मेडिकल रिपोर्ट के बारे में पूछती है। वो बताता है कि उसके ओवरीज में ट्यूमर है।)