टोंक

पूछताछ के लिए थाने में लाए युवक की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल ले जाने के बजाय लावारिस हालात में छोड़ा, ओर हो गई मौत

Death in police custody: पुरानी टोंक थाना पुलिस की पूछताछ व लापरवाही के कारण युवक की मौत हो गई।
 

टोंकOct 15, 2019 / 08:30 am

pawan sharma

पूछताछ के लिए थाने में लाए युवक की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल ले जाने के बजाय लावारिस हालात में छोड़ा, ओर हो गई मौत

टोंक. पुरानी टोंक थाना पुलिस की पूछताछ व लापरवाही के कारण हुई युवक की मौत को लेकर सोमवार को माली समाज ने सर्व समाज के साथ मिलकर पंचकुइया दरवाजा क्षेत्र में प्रदर्शन किया। वे लोग तब ही माने जब प्रशाासन ने उनकी मांगों को पूरा किया। आरोप लगाया कि पुरानी टोंक निवासी ईश्वरलाल पुत्र भूरालाल सैनी की मौत पुलिस पूछताछ के बाद लापरवाही से हुई थी।
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मृतक के परिजन समेत उसके साथी नंदकिशोर उर्फ कालू, ओमप्रकाश तथा प्रेमचंद ने पुलिसकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाकर पुलिस को रिपोर्ट दी थी। इसके अनुसार वे चारों राजा की बावड़ी स्थित बगीची में रात साढ़े 9 बजे गोठ कर रहे थे। इस दौरान पुलिस आई और बिना किसी कारण बताए उन्हें ले गई।
जहां रात दस बजे उन्हें वापस भेज दिया गया। पुलिस की जीप से उन्हें बगीची छोड़ा, तब ही ईश्वरलाल की तबीयत बिगड़ गई। ऐसे में पुलिस ने उसे जीप से अस्पताल पहुंचाने के बजाय वापस चली गई। ऐसे में उपचार में देरी के चलते ईश्वरलाल की मौत हो गई। घटना के बाद रात दस अस्पताल में लोगों की भीड़ जमा हो गई।
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बाद में पुलिस अधिकारियों ने शव को मोर्चरी में रखवा दिया। घटना से नाराज माली समाज के लोग सोमवार सुबह पंचकुइया दरवाजा स्थित माली समाज की धर्मशाला में जमा होने लगे।
वे पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। ऐसे में सुबह साढ़े 10 बजे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विपिन कुमार तथा पुलिस उपाधीक्षक सौरभ तिवाड़ी उनके पास पहुंचे और समझाइश का प्रयास किया, लेकिन वे पहले मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता, मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम, लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई तथा मामले की जांच प्रशासनिक स्तर पर करने पर अड़ गए।
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बाद में अतिरिक्त जिला कलक्टर आनंदीलाल वैष्णव तथा बीसलपुर बांध परियोजना के अतिरिक्त जिला कलक्टर शंकरलाल सैनी मौके पर पहुंचे और माली समाज के प्रतिनिधि मंडल को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में वार्ता के लिए बुलाया। जहां पुलिस अधीक्षक आदर्श सिधू की मौजूदगी में अधिकारियों ने उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया।
इसके बाद प्रतिनिधि मंडल वापस माली धर्मशाला पहुंचा। इसके बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे पोस्टमार्टम कराया गया और अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान समाज के कमलेश सिंगोदिया, सीताराम टाक, राहुल सैनी, पीरूलाल पटेल, शंकरलाल धुवारिया, कालू बागड़ी, पुष्कर सैनी, चौथमल सैनी, बबलू सैनी आदि मौजूद थे।
मजदूरी पर निर्भर है परिवार
मृतक का परिवार मजदूरी पर ही निर्भर है। ईश्वरलाल भी शहर में मजदूरी का काम करता था। उसके दो पुत्र भगवानदास, सुरेश तथा दो पुत्रियां गुड्डी व सुनीता हैं। ऐसे में अब परिवार की जिम्मेदारी मजदूरी ही करने वाले बड़े बेटे भगवानदास तथा मां ग्यारसीदेवी पर आ गईहै। इधर, लोगों में भी नाराजगी इसी बात की थी कि पुलिस मजदूरी पर आधारित निर्धन व्यक्ति को पूछताछ के लिए ले गई।

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