टोंक
( tonk ) आने-जाने के लिए लोगों को 50 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ा। बनास नदी के गहलोद में बना रपटा पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। बारिश
(Rain) पूर्व रपट की मरम्मत नहीं होने से पानी आते ही यहां आवागमन बंद हो गया।
read more: बनास में खननकर्ताओं ने रपट के पाइप को जाली से कर दिया बंद कई वर्षों से यहां रपट या पुलिया नहीं बनने से बारिश के समय आवागमन बंद होता आ रहा है। गहलोद रपट पर पानी आने से
डिग्गी कल्याणधणी के दर्शनों को जा रहे
पदयात्री सुबह तक जान जोखिम में डाल कर पानी से निकलते रहे। पीपलू पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से पदयात्रियों को रास्ता पार करवाया।
बनास नदी पर बने एनिकट में चली चादर
दूनी. छान स्थित बनास नदी पर बने
एनिकट पर गत दो दिनों से हुई बारिश के बाद चादर चल गई है। पहली बार बनास नदी में बने एनिकट पर चादर चलने से स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है, साथ ही सैलानी बनास नदी पर बनी पुलिया व एनिकट पर मनमोहक नजारा देखने के लिए जमघट लगने लगा है।
read more: एनिकट टूटने से खेतों में भरा बरसात का पानी लोग प्रसिद्ध देवतमाता के दर्शन कर पिकनिक मना चादर पर नहाने का मजा ले रहे है। गौरतलब है की बारिश के बाद जिले के राजमहल, संथली, बंथली, सरोली, जूनिया, नयागांव, आमली देवल्या, भरनी सहित एक दर्जन से अधिक गांवों का पानी छान में बने एनिकट तक आ रहा है। छान ग्राम पंचायत की ओर से बनास नदी पर बनाए गए एनिकट का निर्माण अक्टूबर 2018 में पूर्ण हुआ था। एक्त एनिकट की लम्बाई लगभग 950 फीट, चौड़ाई, चार फीट व गहराई नौ फीट तक है।
read more video: विधायक हरीश चन्द्र मीणा ने टॉय टे्रन सहित विकास कार्य का किया लोकार्पण बांधों में पानी की आवक जारी उनियारा.कस्बे सहित उपखण्ड क्षेत्र में इन दिनों हो रही बरसात से जहां बांधो में पानी की आवक बनी हुई है। जल संसाधन विभाग के बाढ नियंत्रण कक्ष प्रभारी एवं कनिष्ठ अभियन्ता रबिना मीणा ने बताया कि शुक्रवार को सुबह साढे 8 बजे समाप्त हुए पिछले 24 घंटों के दौरान गलवा बांध पर 16, गलवानिया पर 27 तथा ठिकरिया बांध पर 10 एमएम बरसात दर्ज की गई।
read more:बुक लवर डे: लेखन को बनाया जीवन का हिस्सा, लोग जुड़ते गए, कारवां बनता गया बरसात से गलवा बांध में 2 इंच, श्योदानपुरा में 6 इंच तथा ठिकरिया एवं कुम्हारियां बांधो में 10-10 सेमी पानी की आवक दर्ज की गई। उन्होने यह भी बताया कि 15 जून से शुरू हुए बरसात के मौसम में अब तक गलवा बांध पर 443, गलवानिया पर 439 तथा ठिकरिया बांध पर 420 एमएम बरसात दर्ज की जा चुकी है।
नहर की पुलिया क्षतिग्रस्त, पानी की आवक होने पर आवागमन होगा बंद
रानोली कठमाणा. उपखंड क्षेत्र के काशीपुरा ग्राम पंचायत के मुमाणा में आंगनबाड़ी के समीप नहर की पुलिया क्षतिग्रस्त होने से तथा पानी की आवक रास्ते पर मिट्टी भर दिए जाने से यहां कभी भी हादसा हो सकता हैं। काशीपुरा सरपंच नरेंद्र बैरवा ने उपखंड अधिकारी व विद्यालय प्रधानाध्यापक ने पीईईओ काशीपुरा को इस संबंध में सूचना देकर इसे समय रहते सही करवाने की मांग की हैं।
जानकारी अनुसार पीडब्ल्यूडी द्वारा नहर की पुलिया टूटने पर मिट्टी भरकर रास्ते को तो सही कर दिया, लेकिन पानी की निकासी का रास्ता बंद कर दिया। ऐसे में मुमाणा का तालाब भर चुका हैं तथा इससे होने वाली पानी की निकासी नहर में होती हैं। ऐसे में पानी आने पर गांव में पानी भरने की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी तथा यह पुलिया पानी में बह सकती हैं। वहीं इस रास्ते से राजकीय उत्कृष्ट उच्च प्राथमिक विद्यालय के छात्र विद्यालय के लिए आते जाते हैं।
रपट के नीचे लगे पाइप बंद किया
बीसलपुर बांध के बाद टोंक की ओर हुई बरसात से बनास नदी में पानी की आवक हुई है। ऐसे में संथली, बंथली से लेकर टोंक में बनास नदी में पानी जारी है। गहलोद रपट पर आए पानी के चलते पुलिस ने आवागमन बंद कर दिया। यहां तीन रपट क्षतिग्रस्त तथा उनमें गड्ढे होने के चलते ये मार्गबंद किया गया।
वहीं खननकर्ताओं ने चूली-बरवास स्थित बनास नदी के रपट के नीचे लगे पाइप को लोहे की जाली से बंद कर दिया। ऐसे में पानी रपट के ऊपर से बह रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बरसात में पानी के साथ बहकर आने वाली बजरी को रोकने के लिए पाइप पर जाली लगाई गई है। ताकि बजरी बहकर आगे नहीं जाए और गड्ढो में भर जाए। इससे तेज गति के साथ रपट से बह रहा है। ऐसे में लोगों का आवागमन बंद गया है।
नहर की पुलिया क्षतिग्रस्त, पानी की आवक होने पर आवागमन होगा बंद
रानोली कठमाणा. उपखंड क्षेत्र के काशीपुरा ग्राम पंचायत के मुमाणा में आंगनबाड़ी के समीप नहर की पुलिया क्षतिग्रस्त होने से तथा पानी की आवक रास्ते पर मिट्टी भर दिए जाने से यहां कभी भी हादसा हो सकता हैं।
काशीपुरा सरपंच नरेंद्र बैरवा ने उपखंड अधिकारी व विद्यालय प्रधानाध्यापक ने पीईईओ काशीपुरा को इस संबंध में सूचना देकर इसे समय रहते सही करवाने की मांग की हैं। जानकारी अनुसार पीडब्ल्यूडी द्वारा नहर की पुलिया टूटने पर मिट्टी भरकर रास्ते को तो सही कर दिया, लेकिन पानी की निकासी का रास्ता बंद कर दिया।
ऐसे में मुमाणा का तालाब भर चुका हैं तथा इससे होने वाली पानी की निकासी नहर में होती हैं। ऐसे में पानी आने पर गांव में पानी भरने की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी तथा यह पुलिया पानी में बह सकती हैं। वहीं इस रास्ते से राजकीय उत्कृष्ट उच्च प्राथमिक विद्यालय के छात्र विद्यालय के लिए आते जाते हैं।