read more:मालपुरा में कर्फ्यू, इंटरनेट बंद, शोभायात्रा पर पथराव के बाद बिगड़े हालात ऐसे में इन गावों के लोग बारिश में रास्ते अवरुद्ध हो जाने से परेशान हैं। इन से गांवों से जुड़े कल्याणपुरा, बिसनपुरा, नयागांव, ढीकला, लक्ष्मीपुरा, धारोला, धन्ना का झोंपड़ा, गुलाबपुरा, संग्रामगंज, माधोराजपुरा सहित दर्जनों गांवों में लोग आज भी निजी साधनों के भरोसे सफर तय करने को मजबूर हैं।
read more:हस्ताक्षर अभियान के बाद सीएम को भेजेगे पांच हजार पोस्टकार्ड, दूनी को पंचायत समिति बनाने की करेंगे मांग कस्बे सहित बारहपुरे के लोगों को कोटा, अजमेर, भीलवाड़ा और जयपुर के लिए सरोली तक जाने के लिए निजी साधनों की शरण लेनी पड़ती हैं। इन पंचायतों के जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों ने सरकार से ग्रामीण सेवा की रोडवेज बसें संचालित करने की मांग की है।
नन्द लाल मीना, सत्यनारायण गुर्जर, राधाकिशन मीना, सम्पत सिंह, सत्यनारायण माहेश्वरी, कमलेशपुरी, राजाराम जाट, देवलाल गुर्जर, प्रभु लाल गुर्जर, भंवर लाल गुर्जर, कल्याण नाथ सहित बारहपुरों के बाशिन्दों ने बताया कि इन्हें बीमारी, अनहोनी और संकट के समय बहुत परेशानी होती है, जिनके पास स्वयं के साधन नहीं है, उनको तो इसका कई प्रकार का खमियाजा भुगतना पड़ता है।
read more:राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष पर दांडी यात्रा से दिया शांति और अहिंसा का संदेश बून्दी का नहीं है, साधनकरोड़ों की सडक़ के बावजूद अभी भी बून्दी की राह पर सरकारी साधनों का अभाव है। इससे क्षेत्र की एक दर्जन पंचायतों को बून्दी की दूरी 25 से 30 किमी कम होने के बावजूद राहगीरों को खासा लाभ नहीं मिला है।
अलग-थलग पड़े हैं, आवां- टोकरावास
मदन लाल मीना, किस्तूर चन्द मीना, रमेश मीना के अनुसार आवां और टोकरावास पंचायत मुख्यालय 5 किमी ही दूर होने के बावजूद डामरीकृत सडक़ न होने से इनके गांव अलग-थलग पड़े हंै। बारिश में तो ये रास्ते पूरी तरह अवरुद्ध हो जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र की कई सडक़ों की बनने के बाद मरम्मत भी न हो पाने से इन पर चलना जोखिम भरा, कष्टदायी है।