इससे पहले देर रात से सवेरे तक घटनास्थल पर पुलिस ने कई बार दबिश दी, लेकिन मीणा के समर्थकों द्वारा किए गए विरोध के कारण वह गिरफ्तारी से बच निकले। इसके बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा बढ़ा दी और पुलिस बल को और अधिक सक्रिय कर दिया। अब तक करीब 50 लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं और पुलिस वीडियो के जरिए उपद्रवियों की पहचान कर रही है। इसके अलावा, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुए नुकसान का आंकलन भी किया जा रहा है, जिसकी वसूली नरेश मीणा से की जा सकती है।
नरेश मीणा पर 2004 से लेकर अब तक 23 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से अधिकतर मारपीट, बवाल और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं। पिछले दो सालों में ही उनके खिलाफ लगभग 9 मामले दर्ज हो चुके हैं। पुलिस और प्रशासन अब उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बना रहे हैं। वहीं, नरेश मीणा का कहना है कि वह निर्दोष हैं और पुलिस उन्हें फंसा रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी अपने समर्थकों को संदेश दिया है कि वह डरने वाले नहीं हैं और जल्द ही अपनी आगे की रणनीति बताएंगे।
इस बीच, टोंक जिले में इस घटनाक्रम के बाद पुलिस की स्थिति और भी सख्त हो गई है। समरावता गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। डीआईजी विशाल बंसल पहुंच रहे हैं। आईजीए एसपी समेत कई बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं और नरेश मीणा की गिरफ्तारी को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। हालांकि, नरेश मीणा के तेवर अभी भी ढीले नहीं हुए हैं और वह मीडिया से कह रहे हैं कि पुलिस उनके खिलाफ साजिश कर रही है।
राजनीतिक हलकों में इस घटनाक्रम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं ने इस मामले पर चुप्पी साधी हुई है, जबकि आरएएस एसोसिएशन के साथ ही तहसीलदार भी पेन डाउन स्टा्रइक पर जाने की चेतावनी दे चुके हैं। उधर डीजीपी यू आर साहू का कहना है कि नरेश को जल्द ही अरेस्ट कर लिया जाएगा।