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राजस्थान में इन मापदंडों के तहत बनेंगी ग्राम पंचायतें, पंचायत समितियां और निकाय, कार्यक्रम जारी; जानें

राजस्थान में पंचायतों और पंचायत समितियों, निकायों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को लेकर मापदंड तय कर दिए गए है।

टोंकJan 20, 2025 / 01:05 pm

Lokendra Sainger

प्रतीकात्मक तस्वीर

Rajasthan Gram Panchayat Update: राजस्थान की पंचायतों और पंचायत समितियों, निकायों के पुनर्गठन की प्रक्रिया सोमवार से शुरु होगी। इसमें आबादी और क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज से मौजूदा संस्थाओं में बदलाव किया जाएगा और नई पंचायतों एवं पंचायत समितियों का सृजन होगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायतराज विभाग ने पंचायतीराज संस्थाओं की सीमाओं में परिवर्तन को लेकर कलक्टरों को दिशा-निर्देश जारी किए है।

मापदंड तय किए

शासन सचिव एवं आयुक्त डॉ. जोगाराम के अनुसार 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन, पुनर्सीमांकन और नवसृजन के मापदंड तय किए हैं। इसमें पंचायतों के लिए न्यूनतम 3 हजार और अधिकतम साढ़े पांच हजार आबादी होगी। अधिसूचित अनुसूचित क्षेत्रों में आबादी दो से चार हजार रखेंगे।
किसी गांव के निवासियों की मांग और प्रशासनिक दृष्टि से मौजूदा से दूसरी पंचायत में शामिल किया जा सकेगा, लेकिन दूरी पंचायत मुख्यालय से छह किमी से ज्यादा नहीं होगी। दूरी निर्धारण में कलक्टर प्रशासनिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण से निर्णय कर सकेंगे, लेकिन किसी भी राजस्व ग्राम को विभाजित कर अलग-अलग पंचायतों नहीं किया जाएगा। इसी तरह नवसृजित या पुनर्गठित पंचायत एक ही विधानसभा क्षेत्र में होगी।

यह रहेगा टाइम फ्रेम

20 जनवरी से 18 फरवरी 2025: कलक्टर की ओर से नई ग्राम पंचायतों एवं पंचायत समितियों के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा।

20 फरवरी से 21 मार्च 2025 : राजस्थान पंचायती राज्य अधिनियम 1994 की धारा 101 के तहत तैयार प्रस्तावों को प्रकाशित कर आपत्तियां बुलाना।
23 मार्च से 01 अप्रेल 2025 : प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण करना

3 से 15 अप्रेल 2025 : आपत्ति निस्तारण के बाद प्रस्ताव तैयार कर पंचायती राज विभाग को भिजवाना

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यह बनी नगरपालिका

पंचायत समितियों में 40 या इससे ज्यादा पंचायतें या 2 लाख या इससे अधिक आबादी होने पर पुनर्गठन के दायरे में आएंगे। नवसृजन में न्यूनतम 25 ग्राम पंचायतें शामिल होंगी। किसी पंचायत समिति में 42 पंचायतें हैं तो पुनर्गठन में 25 एक में शामिल होने पर बची 17 पंचायतों के साथ करीबी दूसरी पंचायत समिति की आठ पंचायतें जोड़ी जा सकेंगी। यह संभव नहीं होने पर भी ब्लॉक 25 से कम पंचायतों का बनेगा।
अनुसूचित क्षेत्रों में मानदंड में आबादी के लिहाज से थोड़ी शिथिलता यानी डेढ़ लाख तक जनसंख्या रह सकेगी, लेकिन नवसृजित पंचायत समिति में न्यूनतम 20 पंचायतें सम्मिलित होंगी। जन सुविधा और प्रशासनिक दृष्टि से नवसृजित या पुनर्गठित पंचायत समिति में नजदीकी पंचायतों को समिलित किया जा सकेगा, लेकिन एक ग्राम पंचायत विभाजित कर दो पंचायत समितियों में नहीं रखा जाएगा।
टोंक जिले में वर्ष 2020 में 236 ग्राम पंचायतों में चुनाव हुए थे। इसके बाद दूनी, लांबाहरिसिंह, पीपलू, डिग्गी को नगरपालिका बनाया गया है। ऐसे में अब कुल 232 ग्राम पंचायतें रह गई हैं। इसमें देवली में 39, मालपुरा में 36, निवाई में 41, पीपलू में 24, टोडारायसिंह में 31, टोंक में 25, उनियारा में 36 ग्राम पंचायतें हैं। पुनर्गठन में जिले में करीब दो पंचायत समिति व एक दर्जन से अधिक नई पंचायतें बन सकती है।
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