इसमें से दो के नामांकन खारिज हो गए थे। वहीं अब तीन ने नामांकन वापस ले लिया है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि खुशीराम धाकड़, उमाशंकर एवं राम सिंह मीणा ने नामांकन वापस लिए हैं। अब चुनाव मैदान में कांग्रेस से कस्तूर चंद मीना, भाजपा के राजेंद्र गुर्जर, राइट टू रिकॉल पार्टी के योगेश कुमार शर्मा, निर्दलीय नरेश मीणा, प्रहलाद माली, दिनेश कुमार व शकीलुर्रहमान बचे हैं। बता दें कि देवली-उनियारा सीट पर हो रहे उपचुनाव में 13 जनों ने नामांकन पेश किए थे।
बीजेपी-कांग्रेस प्रत्याशी के सामने चुनौती क्यों?
बता दें गत विधानसभा चुनाव में देवली-उनियारा सीट कांग्रेस के पास थी। इस बार कांग्रेस ने यहां से नए चेहरे कस्तूर चंद मीणा को रण में उतारा है। वहीं, बीजेपी ने पूर्व विधायक राजेन्द्र गुर्जर पर दांव खेला है। लेकिन, यहां से
कांग्रेस के बागी नरेश मीणा ने भी ताल ठोक दी है। इस वजह से कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी प्रत्याशी के सामने भी चुनौती खड़ी हो गई है।
देखा जा रहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान नरेश मीणा की सभाओं में भारी भीड़ उमड़ रही है। जिससे दोनों प्रमुख दलों की नींद उड़ी हुई है। इसके अलावा आने वाले दिनों में आरएलपी के हनुमान बेनीवाल और निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी भी नरेश मीणा के समर्थन में प्रचार कर सकते है। दोनों ही नेता सोशल मीडिया पर मीणा का समर्थन कर चुके है।
देवली-उनियारा में दिखेगा त्रिकोणीय मुकाबला
नाम वापसी के बाद तय हो गया कि 8 प्रत्याशी के बीच मुकाबला है। इसमें से भाजपा व कांग्रेस ने मतदाताओं पर पकड़ बनानी शुरू कर दी है। ताकि वोट मिल सके। दीपावली के बाद दोनों ही दलों के नेताओं के दौरे शुरू हो जाएंगे। सभा व रैलियों का आयोजन होगा। इस सीट पर नरेश मीणा के चुनावी रण में उतरने के कारण इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। यहां से कांग्रेस के कस्तूर चंद मीणा और बीजेपी राजेन्द्र गुर्जर मैदान में है।
2023 में थे 14 प्रत्याशी
देवली-उनियारा सीट पर अभी उपचुनाव है। इसका कारण गत लोकसभा चुनाव में देवली-उनियारा विधायक हरीश मीना का सांसद बनना है। वहीं पिछले विधानसभा के देवली-उनियारा सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस-भाजपा समेत 9 पार्टी तथा 5 निर्दलीय चुनाव मैदान में थे। जहां कांग्रेस से हरीश मीना ने जीत दर्ज की थी। इस बार कांग्रेस-भाजपा समेत 8 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है।