सैनी ने बताया कि रबी गिरदावरी का कार्य मोबाइल ऐप के माध्यम से एक जनवरी 2025 से कराया जाना है, जिसमें गिरदावरी अधिकाधिक स्वयं किसानों द्वारा की जानी है, प्रति तहसील न्यूनतम 10 प्रतिशत गिरदावरी किसानों द्वारा ही करवाने हेतु निर्देश दिए गए हैं,साथ ही अधिकाधिक किसानों द्वारा अपने जन आधार को ऐप पर खसरे से लिंक करवाया जाना है।
नहीं होगा कोई संशोधन
ऐप से गिरदावरी सबमिट से पहले भली भांति देख ले की संबंधित विवरण सही है या नहीं, क्योंकि गिरदावरी एक बार सबमिट करने के बाद काश्तकार उसके बारे में किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं कर पाएंगे। गिरदावरी के लिए सर्वप्रथम राज किसान गिरदावरी ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर अपने जनाधार से ऐप को लॉगिन करना है। आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा। जिसमें वेरिफाई होने के बाद ऐप लॉगिन हो जाएगा। उसके बाद फसल विवरण जोड़े पर क्लिक करना है, फिर ऊपर की साइड में जनाधार से जुड़े खसरे का ऑप्शन आएगा एवं दूसरी साइड में खसरा सर्च करने का ऑप्शन रहेगा। उसमें काश्तकार को अपना जिला, तहसील एवं गांव सलेक्ट करते हुए आगे बढ़ना होगा। इसके पश्चात अपने खेत का खसरा अंकित करते हुए कैलिब्रेट करें पर क्लिक करना होगा। कैलिब्रेट करने के बाद गिरदावरी सीजन एवं फसल सिलेक्ट करते हुए खसरे का एरिया हेक्टेयर में अंकित करना होगा।
उसके बाद फसल सिंचित है या असिंचित एवं सिंचाई का स्रोत तथा फ्लेवर पेड़ है तो उनकी संख्या आदि अंकित करते हुए खेत खसरे में जो फसल बो रखी है,उसकी साफ सुथरी फोटो अपलोड करनी होगी। उक्त प्रक्रिया के बाद प्रिंट प्रिव्यू का ऑप्शन दिखेगा, वहां क्लिक करने के बाद सबमिट का ऑप्शन रहेगा।
यह है इसके फायदे
किसानों की ओर से स्वयं ऑनलाइन गिरदावरी करने से गिरदावरी कार्य में समस्या समाधान होगा, वास्तविक फसल की गिरदावरी करना संभव हो सकेगा। फसल का अंकन समुचित रूप से हो पाएगा, फसल गिरदावरी वास्तविक फसल के आधार पर हुई है, इस बात को लेकर किसान पूर्ण रूप से संतुष्ट रहेगा।