उसके बाद सन् 1991 में अस्पताल को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक चिकित्सालय में फिर क्रमोन्नत किया गया। तब से लेकर आज तक सरकारी अस्पताल 50 बेड का ही हैं। अस्पताल में शहर के बढ़ते क्षेत्र व आबादी के अनुसार मरीजों की संख्या काफी मात्रा में बढ़ गई।
हालात यह है कि अस्पताल में एक बेड पर दो मरीजों का उपचार किया जा रहा हैं। मौसमी बीमारियों के चलते राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय में वार्ड मरीजों एवं उनके परिजनों से भरे हुए हैं। अस्पताल में जगह होने से कई मरीज वार्ड देख कर ही वापस लौट रहे है।
बीते 28 वर्षों में शहर की करीब 50 हजार आबादी हो गई हैं लेकिन अस्पताल में बेड की संख्या अभी वहीं हैं। इस संदर्भ में चिकित्साधिकारी डॉ.बालिस्टर सिंह का कहना हैं कि सन् 1991 के बाद अभी तक अस्पताल में 50 बेड ही हैं और आउटडोर अधिक होने से अमूमन एक बेड पर दो मरीजों का उपचार किया जाता हैं।
भुगतान दिलवाने की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन
निवाई. राजस्थान ग्राम पंचायत सहायक संघ के तत्वावधान में संघ के ब्लॉक अध्यक्ष देवलाल गुर्जर के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने पंचायत सहायकों का रुका हुआ भुगतान दिलवाने की मांग को लेकर उपखंड अधिकारी जेपी बैरवा को स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा हैं।
अध्यक्ष देवालाल ने बताया कि पंचायत सहायकों के मानदेय का भुगतान करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्धारा दिए गए आदेशों की अभी तक कोई पालना नहीं हुई हैं। उन्होंने मांग की है कि दीपावली के त्योहार से पहले ही उनको ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा भुगतान करवाया जाए।