मेडिकल कॉलेज: सस्ते इलाज पर संशय, पीपीपी मोड पर होगा निर्माण
Tender worth Rs 260 crore issued for Tikamgarh Medical College
टीकमगढ़। जिला चिकित्सालय टीकमगढ़।
260 करोड़ का टेंडर जारी, इधर जमीन आवंटन प्रक्रिया शुरू टीकमगढ़. जिले में बनने वाला मेडिकल कॉलेज अब पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप) मोड पर बनाया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने टेंडर जारी करा दिया है। इधर जिले के स्वास्थ्य विभाग ने जमीन आवंटन के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। पीपीपी मोड में कॉलेज का टेंडर जारी होने के अब इस बात को लेकर संशय बना हुआ है कि इसका संचालन सरकार करेगी या प्राइवेट लोगों के हाथ रहेगा।
एक साल पहले जिले को मेडिकल कॉलेज की सौगात मिली थी। मेडिकल कॉलेज स्वीकृत होने के बाद इसके निर्माण के लिए डीपीआर तैयार करने एवं जमीन को सुरक्षित करने के लिए बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए लगभग 10 करोड़ का टेंडर जारी किया गया था, लेकिन जमीन का मामला अटक जाने से यह प्रक्रिया भी रूक गई थी। जमीन का मामला अब भी अटका हुआ है और स्वास्थ्य विभाग ने 16 जुलाई को इसका टेंडर जारी कर दिया है। विभाग द्वारा पीपीपी मोड में 260 करोड़ का टेंडर जारी किया गया है। 17 जुलाई से टेंडर डलना शुरू हो गए है और यह 17 सितंबर तक डाले जाएंगे। वहीं 18 सितंबर को टेंडर खोले जाएंगे।
संचालन को लेकर संशय
पीपीपी मोड में टेंडर निकलने के बाद अब इसके संचालन को लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे है। लोग समझ नहीं पा रहे है कि इस कॉलेज का संचालन शासन द्वारा किया जाएगा या फिर प्राइवेट बॉडी इसे ऑपरेट करेगी। पीपीपी मोड में टेंडर जारी होने के बाद लोग इसे अर्धशासकीय की तर्ज पर संचालित होने वाला मेडिकल बता रहे है तो स्वास्थ्य विभाग भी इसे लेकर अभी कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है। सीएमएचओ डॉ. शोभाराम रोशन का कहना था कि जब तक इसकी पूरी प्रक्रिया और शर्तें सामने नहीं आती है वह कुछ भी नहीं बता सकते है।
पहले शासन करा रही थी निर्माण
विदित हो कि इस कॉलेज का पहले शासन द्वारा निर्माण किया जाना था। शासन इसके लिए बजट आवंटन कर रही थी। टीकमगढ़ में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए विधानसभा प्रश्न लगाने वाले जतारा विधायक हरिशंकर खटीक ने भी इसे सरकार से बनवाने के लिए वित्त विभाग की अनुमति भी ली थी। अब पीपीपी मोड में टेंडर जारी होने के बाद वह भी मुख्यमंत्री के साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा करने की बात कह रहे है।
जमीन अब भी नहीं
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जहां मेडिकल कॉलेज के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है तो अब तक जिले में इसके लिए जमीन फाइनल नहीं हो सकी है। एक माह पूर्व चिकित्सा शिक्षा विभाग के साथ ही सागर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने जिले के स्वास्थ्य महकमे के साथ 4 स्थानों पर जमीन देखी थी। इस पर टीम ने उत्तमपुरा की जमीन को फाइनल किया था। इसके बाद से यह प्रक्रिया भी आगे नहीं बढ़ सकी है।
यह उठ रहे सवाल
जिले में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत सबसे अधिक गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों को है। महंगी स्वास्थ्य सेवाओं के कारण इस वर्ग के लोग आर्थिक रूप से परेशान हो जाते है। ऐसे में जिले में मेडिकल कॉलेज बनने के बाद सबसे अधिक लाभ इसी वर्ग के लोगों को होता, क्यों कि सरकार द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज में सस्ती दरों पर लोगों को उपचार की सुविधा मिलती। लेकिन अब पीपीपी मोड में कॉलेज बनने की बात पर सामने आने पर इस सुविधा पर संशय बना हुआ है।
कहते है अधिकारी
उत्तमपुरा की जमीन को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग ने फाइनल कर दिया है। वहां से उनका पत्र आ चुका है। इस जमीन के आवंटन के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।- डॉ. शोभाराम रोशन, सीएमएचओ, टीकमगढ़।
मेडिकल कॉलेज के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा एवं विधानसभा में दिए गए आश्वासन के बाद वित्त विभाग की अनुमति से शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। इसे पीपीपी मोड में बनाने का सवाल ही नहीं उठता है। इस मामले में मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात की जा रही है। पूरा प्रयास होगा कि जिले के मेडिकल कॉलेज का संचालन शासन द्वारा किया जाएगा।- हरिशंकर खटीक, विधायक, जतारा।
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