टीकमगढ़-ललितपुर मार्ग के ऊपरी सडक़ पर तालाब किनारे श्रृंखलाबद्ध आधा दर्जन मंदिर और कॉलेज के छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारी वाहन के आवागमन पर स्थाई रूप से बंद किया गया था। इसकी वजह यह है कि तालाब की बंधान भारी वाहनों के आवागमन के कारण क्षतिग्रस्त हो रही है। इसलिए यह मांग पिछले बारह सालों से की जा रही है। मंदिरों में हजारों की संख्या में दर्शनार्थी पहुंचते है। भारी वाहनों के आवागमन से तालाब के बंधान पर निर्मित प्राचीन सकरी सडक़ों पर दबाव अधिक रहता है। जिसके कारण कंपन भी होती है इससे हादसे की आशंका बनी रहती है।
तीन स्थानों पर लगाए गए थे लोहे के पाइप
वाहनों की आवाजाही के लिए विवेकानंद चौक और गौघाट के साथ चित्रगुप्त मंदिर के पास लोहे के पाइप और गाटर स्थाई रूप से लगाई गई थी। वहां से सिर्फ बाइक और छोटे वाहनों को जाने का रास्ता था। लेकिन भारी वाहनों ने टक्कर मार कर तदोनों ओर से तोड दिया है। जिससे आवाजाही शुरू हो गई है। जिसके चलते हादसों की आशंका बनी हुई है।
इनका कहना
बधान से जाने वाले भारी वाहनों को रोकने के लिए प्रयास किए गए थे। अब रास्ते को सकरा किया जाएगा और बाइक के साथ अन्य वाहनों को निकलने का रास्ता दिया जाएगा। आकस्मिक स्थिति के लिए भी रास्ता बनाया जाएगा।
कैलाश कुमार पटैल, यातायात प्रभारी टीकमगढ़।