गौरतलब है कि आवेदन भेजने की समय सीमा 28 अप्रैल को समाप्त हो गई थी लेकिन एआईटीए ने 14 जून को बोपन्ना का नाम भेजने का मन बनाया जब उन्होंने कनाडा की गैब्रिएला दाब्रोवस्की के साथ मिलकर फ्रेंच ओपन का मिश्रित युगल खिताब जीता ।
एआईटीए ने नामांकन के लिए साकेत माइनेनी को चुना जिन्होंने 2014 इंचियोन एशियाई खेलों में दो पदक जीते और पुरस्कार चयन समिति समय सीमा पर अडिग रही । अतीत में कई बार बोपन्ना का नाम भेजा गया लेकिन हर बार उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया । बोपन्ना ने कड़े बयान में कहा, ‘हम पेशेवर टेनिस खिलाड़ी अपने देश को गौरवांवित करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और कोई इस पर सवाल नहीं उठा सकता. हालांकि जब प्रणाली (इस मामले में टेनिस संघ) लापरवाही से काम करती है जो यह ना सिर्फ अपमानजनक होता है बल्कि उस मान्यता की उम्मीद भी छीन लेता है जिसके आप हकदार हो ।उन्होंने कहा, ‘मैं समय सीमा से पहले अर्जुन पुरस्कार के लिए मेरा नामांकन नहीं भेजने के लिए एआईटीए में पेशेवरपन और क्षमता की कमी की बात कर रहा हूं ।
इससे पहले बीसीसीआई ने मिताली राज के नाम भारत रत्न के लिए भेजने में की थी देरी आपको बता दूँ कि इससे पहले भारतीय महिला क्रिकेट कप्तान मिताली राज का नाम बीसीसीआई ने सेलेक्शन समिति के पास भेजने में देरी किया था ।खेल रत्न के लिए बीसीसीआई को भारत सरकार के खेल मंत्रालय के पास खिलाडिय़ों की सूची भेजनी होती है। इसके लिए बीसीसीआई पूरे क्रिकेट सीजन में अच्छा प्रदर्शन करने वालों खिलाडिय़ों की एक लिस्ट तैयार करता है जिसे वह बाद में खेल मंत्रालय को सौंपता है।
राजीव गांधी खेल रत्न देश का सबसे सम्मानित खेल पुरस्कार है। इसके लिए नाम प्रस्तावित करने की आखिरी तारीख 30 अप्रैल थी, लेकिन बीसीसीआई मिताली का नाम ना भेजने में गलती कर बैठा।