डाकघर के ऑनलाइन कर्मचारी बर्खास्त, काम में लेटलतीफी
अंबिकापुर स्थित प्रधान डाकघर को मिला एक कर्मचारी, नहीं जमा हो पा रहे हैं उपभोक्ताओं का चेक
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अंबिकापुर. पांच कर्मचारियों के बर्खास्तगी के बाद बुधवार को एक कर्मचारी को प्रधान डाकघर से संलग्न किया गया। मात्र एक कर्मचारियों के आने से काउंटरों पर ग्राहकों का दबाव कम नहीं हुआ है। डाकघर की तात्कालिक व्यवस्था के बारे में रायगढ़ के डाकघर अधीक्षक वाईआर सिन्हा ने बताया कि दो तीन कर्मचारी शीघ्र ही भेज दिए जाएंगे।
अंबिकापुर डाकघर से बर्खास्त कर्मचारियों के जाने काम प्रभावित हुआ है। ग्राहकों को बेहतर सेवा देने का प्रयास किया जा रहा है। डाकघर अधीक्षक ने बताया कि वह चिकित्सा अवकाश पर हैं।
गौरतलब है कि मुख्य डाकघर के पांच कर्मचारियों को परीक्षा में गड़बड़ी पाए जाने की वजह से शासन के आदेश पर 23 दिसम्बर को बर्खास्त कर दिया गया था। पांचों बर्खास्त कर्मचारी काम के दौरान ऑनलाइन का काम देखते थे। अब ऑनलाइन काम के लिए दो सिस्टम मैनेजर को काउंटर पर बैठाया गया है।
कर्मचारियों की कमी की वजह से मुख्य डाकघर का काम पूरी तरह से चरमरा गया है। इसका खामियाजा अब डाकघर के उपभोक्ता भुगत रहे हैं। डाकघर में जिन उपभोक्ताओं का खाता है, उनका चेक नहीं लिया जा रहा है। इससे लोगों की दिक्कते बढ़ गई हैं। वहीं पोस्टमास्टर बरन बड़ा व्यवस्था बनाने में जुटी हुई हैं।
लेकिन कर्मचारियों की कमी की वजह से उन्होंने हाथ खड़े कर दिए हैं और उपभोक्ताओं से दो दिन बाद चेक जमा करने की बात कह रही हैं। इससे लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कर्मचारियों की नियुक्ती होने पर व्यवस्था सुधरने की बात कही जा रही है।
पोस्टमास्टर बरन बड़ा ने बताया कि कर्मचारियों की कमी की वजह से हम उपभोक्ताओं के चेक स्वीकार नहीं कर रहे हैं। जो भी काउंटर पर काम कर रहे हैं वे ऑनलाइन के लिए प्रशक्षित नहीं है। उपभोक्ताओं से इस संबंध में निवेदन किया जा रहा है।
चेक नहीं लेने से बढ़ी परेशानी
जिन उपभोक्ताओं का सिर्फ मुख्य डाकघर में खाता है। उनके चेक नहीं लिए जाने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। एक उपभोक्ता ने बताया कि वह पिछले दो दिनों से चेक जमा करने के लिए घुम रहा है, लेकिन कर्मचारियों की कमी की वजह से उसका चेक जमा नहीं हो पा रहा है।
जबकि उसने अन्य को रकम भुगतान के लिए चेक दे दिए हैं। उनका चेक बाउंस हो जाएगा तो उन्हें कानूनी प्रक्रिया का भी सामना करना पड़ेगा। उपभोक्ताओं ने बताया कि कर्मचारियों की कमी के बावजूद पोस्ट ऑफिस के एजेंटों का काम नहीं रूक रहा है। खुद पोस्ट मास्टर द्वारा उनका काम किया जा रहा है, जबकि उपभोक्ताओं की अनदेखी की जा रही है।
34 की जगह 10 कर्मचारी
प्रधान डाकघर में 34 कर्मचारियों की संख्या होनी चाहिए। एक कर्मचारी के आने से अब यह संख्या 10 हो गयी है। पोस्ट मास्टर बरेन बड़ा ने बताया कि सिस्टम आपरेटर का काउंटर पर बैठाना पड़ रहा है। काउंटर पर लोगों की भीड़ स्थिति में पोस्ट आफिस के पास कोई कार्यबल नहीं है।
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