जानकारी के अनुसार भोलाव गांव संकेत बंगलोज निवासी संदीप शर्मा महिन्द्रा लॉजिस्टिक ट्रांसपोर्ट कंपनी में डिप्टी प्रंबधक है। उन्होंने दहेज स्थित बिरला कॉपर वायर कंपनी से कॉपर वायर की बड़ी खेप कोयम्बटूर स्थित हिंदाल्को कंपनी के गोदाम में पहुंचाने का काम दो टैलर ड्राइवरों राजस्थान के जोधपुर निवासी दिलीप बाबल व श्रवण विश्नोई को सौंपा था।
दोनों गत 18 जून को 16 टायर वाले दो बड़े ट्रेलरों में 2 करोड़ 91 लाख 36 हजार 378 रुपए का कॉपर वायर लदवा कर रवाना हुए थे। लेकिन दोनों कोयम्बटूर नहीं पहुंचे, रास्ते में माल समेत दोनों गायब हो गए। संदीप ने उनकी खोजबिन शुरू की दोनों ट्रेलरों में जीपीएस सिस्टम लगे हुए थे। जीपीएस की लास्ट लॉकेशन महाराष्ट्र में मिली लेकिन वहां ट्रेलरों का कोई अता-पता नहीं था। दोनों के फोन भी बंद मिले।
दहेज पुलिस से संपर्क किया तो पुलिस ने मामला उनके क्षेत्राधिकार से बाहर होने की बात बता कर प्राथमिकी दर्ज करने से इंकार कर दिया। उन्होंने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दी फिर भी बात नहीं बनी। पुलिस ने यही कहा कि मामला हमारे क्षेत्राधिकार का नहीं है।
भरुच से ट्रेलर निकले तब तक कोई गड़बड़ नहीं थी। इस पर पीडि़त ने प्रधानमंत्री कार्यालय में पीजी पोर्टल पर ऑन लाइन शिकायत दी। जिसकी इक्वायरी होने पर दहेज पुलिस ने पीडि़त को बुलाया और कहा कि इसमें लिख दो कि ‘मैं पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट हूं।’ जबकि उन्होंने प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की। पीडि़त ने ऐसा करने से मना कर दिया।
मामला हमारे क्षेत्र का नहीं
इस बारे में भरुच पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र चुडास्मा का संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि हमारे न्यायिक क्षेत्र का नहीं है। पीजी पोर्टल से जो इक्वायरी आई हैं उसका जो भी जवाब देना होगा वो हम अपने तरिके से जवाब देंगे।
कहां दर्ज होगा मामला ?
पिछले एक महीने से थाने और कचहरी के चक्कर लगा रहे संदीप शर्मा ने बताया कि मुझे समझ में नहीं आ रहा हैं कि अपनी शिकायत लेकर कहां जाऊ। मुझे कहां इंसाफ मिलेगा? यहां उल्लेखनीय है कि जिन मामलों में पीडि़तों को अपराध के न्यायिक क्षेत्र का पता नहीं हो। ऐसे मामलों में किसी भी थाने की पुलिस को 0 नम्बर से प्राथमिकी दर्ज कर संबंधित थाने में स्थानान्तरित करने प्रावधान है। लेकिन ऐसा भी नहीं किया जा रहा है।