सडक़ मार्ग से दक्षिण गुजरात से सौराष्ट्र का सफर करीब 10 घंटे लम्बा है। इस रो-रो फेरी सर्विस से करीब दो घंटे में लोग भरुच से भावनगर पहुंच जाएंगे। भावनगर से दहेज का सडक़ मार्ग 310 किमी का है, जबकि रो-रो फेरी का जल मार्ग 31 किमी होगा।
भावनगर से कई व्यापारी भरुच और सूरत आते-जाते हैं। सडक़ मार्ग से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। रो-रो फेरी सर्विस से उनका आना-जाना आसान हो जाएगा। पहले इस सर्विस का उद्घाटन 12 अक्टूबर को होने वाला था, लेकिन ९ अक्टूबर को दहेज बंदरगाह पर पॉन्टून को नियंत्रित करने वाला क्लैंप टूट जाने से से इसका उद्घाटन रद्द कर दिया गया।
क्लैंप टूटने के १४ दिन बाद इसकी मरम्मत की गई। इसे पूरी तरह ठीक कर लिया गया है। घोघा से दहेज आए वॉएज सिम्फनी जहाज का मंगलवार को ट्रायल किया गया। जहाज में ट्रकों को लादा गया और उसे चला कर देखा गया। इस जहाज में 150 से ज्यादा भारी वाहन ले जाए जा सकेंगे, जबकि एक हजार लोग सफर कर सकेंगे। जहाज में वीआइपी केबिन, बाथरूम, फूडकोर्ट आदि भी होंगे।
घोघा-दहेज रो-रो फेरी सर्विस का कॉन्ट्रेक्ट सौराष्ट्र एनवायरमेंट प्रा.लि. को दिया गया है। बताया गया है कि शुरुआत में इस सर्विस का किराया प्रति यात्री 600 रुपए रहेगा। इस सर्विस प्रोजेक्ट का लोकार्पण पिछले साल 22 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।
उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन स्कूल के शिक्षक ही करेंगे
राज्य की सरकारी प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर राज्य प्राथमिक शिक्षा विभाग ने अपने फैसले में बदलाव किया है। अब स्कूल के शिक्षक ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करेंगे। 25 प्रतिशत उत्तर पुस्तिकाओं की जांच अन्य शिक्षक करेंगे।
राज्य प्राथमिक शिक्षा विभाग ने पहली बार राज्य की सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों में एक समय पर एक समान परीक्षा लेने का फैसला किया है। परीक्षा 24 अक्टूबर से शुरू हो रही है। सूरत महानगर पालिका संचालित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति स्कूलों में भी प्राथमिक शिक्षा विभाग के आदेशानुसार परीक्षा होगी। प्राथमिक विभाग के आदेश के बाद नगर प्राथमिक शिक्षा समिति ने परीक्षा के समय में बदलाव किया है। इसे गुजरात बोर्ड परीक्षा की तरह रखने का प्रयास किया जा रहा है। जिस तरह बोर्ड के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं अन्य शिक्षक जांचते हैं, वैसे ही प्राथमिक के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच भी अन्य शिक्षकों से करवाने का निर्णय किया गया था। इस निर्णय का शिक्षकों ने विरोध किया।
इसलिए प्राथमिक शिक्षा विभाग ने उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के नियम में बदलाव कर दिया है। अब स्कूल के शिक्षक ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करेंगे। कुल उत्तर पुस्तिकाओं में से 25 प्रतिशत की जांच अन्य शिक्षकों से करवाई जाएगी। जिन 25 प्रतिशत उत्तर पुस्तिकाओं का अलग से मूल्यांकन होगा, उनकी अलग के मार्कशीट तैयार होगी। इसके आधार पर परिणाम तैयार किया जाएगा। प्राथमिक शिक्षा विभाग ने पहले बोर्ड की तरह परीक्षा खंड में अन्य स्कूल के निरीक्षकों को नियुक्त करने का फैसला किया था, लेकिन इसका भी विरोध हुआ। इसलिए स्कूल के शिक्षकों को ही निरीक्षक नियुक्त करने का फैसला किया गया है।