महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने संबोधन में कहा, मुझे बताया है कि उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत एसवीएनआईटी क्षेत्रीय समन्वय संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है। संस्थान ने आसपास के कुछ गांवों को गोद लिया है तथा अनुसंधान एवं नवाचारों के माध्यम से उनकी समस्याओं के समाधान का कार्य भी कर रहा है। संस्थान का आदर्श वाक्य ‘विज्ञानं सारथि नः स्यात्’ अर्थात विज्ञान को हमारा सारथी होना चाहिए। मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि इंजीनियर और वैज्ञानिक के रूप में, राष्ट्र निर्माण के लिए अपने तकनीकी कौशल और नवीन सोच का उपयोग करने में आप विज्ञान को अपना मार्गदर्शक एवं सारथी बनाएं। आपको न केवल अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तकनीकी समाधान खोजने हैं बल्कि नवाचार, दक्षता और समावेश के नए मानक भी स्थापित करने हैं।
000- बेटियों को तकनीकी अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करें : सरदार पटेल की बात का जिक्र करते हुए महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने कहा कि सरदार पटेल ने कहा था कि ‘महिलाएं बेहद साहसी होती हैं। पुरुष उतने दुख नहीं सहते, जितना महिलाएं सहती हैं। जब तक महिलाएं पर्याप्त रूप से शिक्षित नहीं होंगी और उनमें राष्ट्रीय भावना नहीं भरेगी, तब तक कोई समृद्धि नहीं होगी।’ यह खुशी की बात है कि इंजीनियरिंग काॅलेजों और संस्थानों में आज लड़कियों की संख्या पहले से अधिक है। मैं विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शिक्षा प्राप्त करने और इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए बेटियों की सराहना करती हूं। मैं यह आग्रह करती हूं कि सभी राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी तकनीकी संस्थान मिलकर अभियान और कार्यशाला आयोजित करें, जिससे अधिक से अधिक लड़कियां इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी संस्थानों में अध्ययन के लिए प्रोत्साहित हों। हाल ही में एक महिला स्टार्टअप के समूह से मैं राष्ट्रपति भवन में मिली थी। वे देश की प्रगति में भरपूर योगदान दे रही है और लोगों को रोजगार भी प्रदान कर रही हैं। उनसे मिलकर मेरा यह विश्वास और गहरा हो गया है कि देश को बनाने में महिलाओं की अग्रणी भूमिका रहेगी।