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सूरत

SURAT KAPDA MANDI: एसजीटीपीए के फरमान पर एसजीटीटीए की कड़ी नाराजगी

-प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने जॉबचार्ज की दर में वृद्धि का किया निर्णय, मिलमालिकों ने जारी किए कपड़ा व्यापारियों को लेटर-व्यापारिक संगठनों ने जॉबचार्ज दर में वृद्धि के निर्णय को गैरवाजिब और व्यापारिक माहौल खराब करने वाला बताया

सूरतNov 30, 2022 / 09:01 pm

Dinesh Bhardwaj

SURAT KAPDA MANDI: एसजीटीपीए के फरमान पर एसजीटीटीए की कड़ी नाराजगी

SURAT KAPDA MANDI: एसजीटीपीए के फरमान पर एसजीटीटीए की कड़ी नाराजगी

सूरत. सूरत कपड़ा मंडी में सुस्त व्यापारिक माहौल के बीच अचानक साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के एक परिपत्र से गरमी आ गई है। चुनावी मौसम में यह गरमी कोई व्यापारिक तेजी की नहीं बल्कि जॉबचार्ज की दर में वृद्धि किए जाने के निर्णय से नाराज कपड़ा व्यापारियों की आपत्तियों की हैं। एसजीटीपीए के जॉबचार्ज की दर में वृद्धि के निर्णय के बाद कपड़ा व्यापारियों के संगठन साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन की आवश्यक बैठक बुलाई गई। बैठक में प्रोसेसर्स एसोसिएशन के निर्णय को गैरवाजिब व कपड़ा व्यापारी और मिलमालिक के बीच दूरी बढ़ाने वाला बताया है।
बैठक की जानकारी में साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीलकुमार जैन ने बताया कि मिलमालिकों के संगठन साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने एक परिपत्र जारी कर जॉबचार्ज दर में वृद्धि समेत अन्य निर्णय किए थे। इसमें एक दिसंबर से 30 दिन के पैमेंट पर कोई भी डिस्काउंट नहीं देने और 30 से 60 दिन के बीच में पैमेंट पर 24 प्रतिशत ब्याज लेने की बात कही गई है। एसजीटीपीए के परिपत्र के संबंध में रखी गई बैठक में एसजीटीटीए के सभी बोर्ड मेंबर्स ने एक स्वर में विरोध किया और बताया कि यह निर्णय कपड़ा व्यापारी और मिलमालिक के बीच दूरी बढ़ाने वाला है। प्रोसेसहाउस अपने डवलपमेंट के हिसाब से जॉब चार्ज तय करते हैं और प्रत्येक मिल अपनी-अपनी कास्टिंग के मुताबिक दर बढ़ाने के लिए स्वतंत्र भी है। बैठक में बताया कि कोयला, कलर-केमिकल्स इत्यादि की दर में 20 से 25 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के बावजूद प्रोसेसर्स एसोसिएशन के इस तरह के फैसले का क्या औचित्य है? प्रोसेस हाउस में मंदी के इस दौर में जॉब प्रोग्राम की कमी साफ तौर पर देखी जा सकती है। इस तरह का बेतुका फैसला व्यापार के हित में नहीं है और इसे व्यापारिक माहौल खराब करने वाला फैसला ही कहा जा सकता है। ऐसे एकतरफा फैसला करने से व्यापारी और मिल मालिकों के बीच में समन्वय बिगडऩे की आशंका बढ़ी है। बैठक के दौरान एसोसिएशन के सचिव सचिन अग्रवाल, महेश जैन, नितिन गर्ग, सुरेंद्र जैन, सुनील मित्तल, संतोष माखरिया, हंसराज जैन, नीरज अग्रवाल, संजय अग्रवाल, आशीष मल्होत्रा आदि उपस्थित थे।

-भविष्य में व्यापारी भी करेंगे क्लेम


प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने सूरत कपड़ा मंडी के सभी ट्रेडर्स के लिए जारी एक दिसम्बर से नए धारा-धोरण कतई मंजूर नहीं है और ट्रेडर्स एसोसिएशन इसका कड़ा विरोध करती है। ट्रेडिंग व्यापारी और मिलमालिक दोनों ही घटक एक-दूसरे के पूरक है। ऐसी स्थिति में कोई भी निर्णय आपसी तालमेल व समन्वय से होना चाहिए। एसजीटीपीए का इस तरह से एकतरफा निर्णय व्यापार हित में उचित नहीं है। ट्रेडर्स का ग्रे महीनों तक मिलों में पड़ा रहता है और जॉब प्रोग्राम देने के बाद भी उसकी डिलेवरी देर से होती है, उस पर व्यापारियों को भी भी ब्याज का क्लेम करना चाहिए। इसके अलावा गलत डिजाइन, गलत रंग छपकर आता हैं, माल शॉर्ट आता है तो भविष्य में उस पर भी व्यापारी क्लेम लेंगे।

-अन्य व्यापारिक संगठनों ने भी जताया विरोध


साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के परिपत्र जारी कर जॉबचार्ज दर में वृद्धि समेत अन्य निर्णय का सूरत कपड़ा मंडी के अन्य व्यापारिक संगठनों ने भी विरोध जताया है। सूरत मर्कंटाइल एसोसिएशन ने इस सिलसिले में रविवार की साप्ताहिक व्यापारिक बैठक में साउथ गुजरात टेक्सटाइल प्रोसेसर्स एसोसिएशन के प्रमुख जीतू वखारिया को भी बुलाया है। बैठक में जॉबचार्ज दर में वृद्धि समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा टेक्सटाइल युवा ब्रिगेड ने प्रोसेसर्स एसोसिएशन के निर्णय को तुगलकी फरमान के समान बताते हुए विरोध जताया है। फैडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने भी इस निर्णय को अनुचित बताया है।

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