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सूरत

SURAT KAPDA MANDI: प्रशासनिक सख्ती से व्यापारी वर्ग आहत और आक्रोशित

-सुबह से दोपहर तक रिंगरोड, श्रीसालासर हनुमान मार्ग, कमेला दरवाजा पर प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान उड़ती रही सोशल डिस्टेंस की धज्जियां

सूरतApr 07, 2021 / 08:31 pm

Dinesh Bhardwaj

SURAT KAPDA MANDI: प्रशासनिक सख्ती से व्यापारी वर्ग आहत और आक्रोशित

SURAT KAPDA MANDI: प्रशासनिक सख्ती से व्यापारी वर्ग आहत और आक्रोशित

सूरत. आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट व वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के बगैर रिंगरोड कपड़ा बाजार में प्रवेश के मामले में बुधवार तीसरे दिन प्रशासन काफी सख्त नजर आया। प्रशासनिक सख्ती से सूरत कपड़ा मंडी का व्यापारी वर्ग आहत और आक्रोशित भी दिखा। कोरोना रोकने की दिशा में व्यवस्था के अभाव में प्रशासनिक सख्ती पर व्यापारी वर्ग ने कड़ी नाराजगी जताई और बताया कि प्रशासन को पहले अपनी ओर से व्यवस्था में सुधार करना चाहिए, उसके बाद सूरत कपड़ा मंडी व अन्य व्यापारिक क्षेत्र में पाबंदी लगानी चाहिए।
बुधवार सुबह बाजार खुलने के साथ ही महानगरपालिका के अधिकारी कर्मचारी पुलिस जवानों के साथ रिंगरोड कपड़ा बाजार में फैल गए और मार्केट में प्रवेश करने वाले लोगों से आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट व वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाने की मांग करते रहे और रिपोर्ट के अभाव में उन्हें मार्केट में प्रवेश से रोका। यह सिलसिला दोपहर बाद जाकर कहीं थमा, लेकिन तब तक बड़ी संख्या में श्रमिक व स्टाफ आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट व वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के अभाव में रिंगरोड कपड़ा बाजार से वापस लौट गया। प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से कई स्थानों पर व्यापारी वर्ग में आक्रोश देखने को मिला और उन्होंने बताया कि प्रशासन कपड़ा बाजार में प्रवेश से पहले आरटीपीसीआर रिपोर्ट 72 घंटे वेलिडिटी के साथ मांग रहे हैं। एक रिपोर्ट हजार रुपए से ज्यादा में होती है। रिंगरोड कपड़ा बाजार में 80 फीसदी स्टाफ व श्रमिक कार्यरत है अब यह लोग हर तीन दिन में नई रिपोर्ट कैसे निकालकर बाजार पहुंचें। इसके अलावा कपड़ा बाजार में ज्यादातर व्यापारी, स्टाफ, श्रमिक 18 से 45 साल के हैं और उन्हें वैक्सीन दी नहीं जा रही तो वे वैक्सीनेशन की रिपोर्ट कहां से लाएं? प्रशासन को चाहिए कि कपड़ा बाजार में निशुल्क आरटीपीसीआर रिपोर्ट की व्यवस्था उपलब्ध करवाए और वैक्सीनेशन की उम्र मर्यादा भी 18 साल से की जाए, ताकि कोरोना को नियंत्रण में लेने के लिए सभी का यथासंभव सहयोग उन्हें मिल सकें। लेकिन, इसके विपरीत जिस तरह से कानून का भय दिखाकर रिंगरोड कपड़ा बाजार में प्रशासनिक कार्रवाई हो रही है, उससे कपड़ा कारोबार को बड़ा नुकसान है।
-असंतोष का बना माहौल


प्रशासन के सख्त रवैये से बुधवार को कपड़ा बाजार के व्यापारियों व कर्मचारियों में असंतोष का माहौल बना है जो कि औद्योगिकनगरी सूरत के लिए अच्छा नहीं है। वैक्सीनेशन की उम्र मर्यादा घटाकर आरटीपीसीआर जांच केंद्र की सुविधा पहले की जानी चाहिए।
संजय जगनानी, संयोजक, व्यापार प्रगति संघ
-यह व्यापार हित में नहीं


72 दिन के लॉकडाउन से अभी तक सूरत कपड़ा मंडी का कपड़ा कारोबार उबरा नहीं है और यह व्यापारियों की बैलेंसशीट में साफ दिखता है। उस पर इस तरह की प्रशासनिक कार्रवाई होना, यह कतई व्यापार हित में नहीं है।
नरेंद्र साबू, प्रमुख, सूरत मर्कंटाइल एसोसिएशन

-सब जगह एक समान रखें रवैया


रिंगरोड कपड़ा बाजार में जिस तरह से प्रशासन का सख्त रवैया देखने को मिल रहा है क्या शहर के दूसरे व्यापारिक केंद्रों पर भी ऐसा ही है? कपड़ा व्यापारी प्रशासन को हरसंभव तरीके से कोविड-19 की रोकथाम में सहयोग कर रहा है।
दिनेश कटारिया, सचिव, गुडलक मार्केट

-लूटने का मिल गया बहाना


जिस तरह के हालात कपड़ा बाजार में प्रशासन ने बुधवार को पैदा किए उन्हें देखकर लगता ही नहीं कि वे कोरोना की रोकथाम के लिए काम कर रहे हैं। यह तो सीधे-सीधे व्यापारी वर्ग को लूटने का बहाना मिल गया है।
हितेश संकलेचा, व्यापारी, गुडलक मार्केट

-इस तरह से चला घटनाक्रम

महानगरपालिका आयुक्त ने गत सप्ताह ही निर्देश जारी किए थे कि कपड़ा बाजार में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के पास आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट व वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट होने चाहिए ताकि कोरोना की टेस्टिंग, ट्रेसिंग व ट्रीटमेंट की कार्यवाही को गति दी जा सकें। सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को इन निर्देशों की कहीं कोई पालना नहीं हुई और लोग बगैर आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट व वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के यहां-वहां घूमते रहे। इसके बाद मंगलवार को प्रशासन का हैरान करने वाला रवैया रिंगरोड कपड़ा बाजार में दिखाई दिया और साथ ही मार्केट प्रबंधन व एसोसिएशन की लापरवाही भी। इसमें कुछ मार्केट के बाहर पुलिस व मनपाकर्मी रिपोर्ट के अभाव में लोगों को घुसने से रोकते दिखे तो कई टैक्सटाइल मार्केट में लोग बगैर मास्क के भी घूमते नजर आए। इसके बाद सप्ताह के तीसरे दिन बुधवार सुबह से ही प्रशासन पूरी सख्ती के साथ रिंगरोड कपड़ा बाजार में नजर आया। पुलिस जवान व मनपाकर्मी अधिकारियों के साथ रिंगरोड, श्रीसालासर हनुमान मार्ग, कमेला दरवाजा आदि पोइंट बनाकर हर आने-जाने वाले की रिपोर्ट चैक करते नजर आए। नतीजन, रास्ते में ही भीड़-भड़क्का होने से सोशल डिस्टेंस की पूरी कार्रवाई के दौरान लगातार धज्जियां उड़ती रही। इस दौरान व्यापारियों समेत अन्य लोगों ने प्रशासन की इस सख्ती का विरोध भी किया, लेकिन वो कारगर नहीं रहा और आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट व वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के अभाव में सैकड़ों लोगों को बुधवार दोपहर तक रिंगरोड कपड़ा बाजार से वापस घर लौटना पड़ा।
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-सख्ती से पहले व्यवस्था की जरूरत


प्रशासन के सख्त रवैये से नाराज व्यापारियों के मुताबिक आरटीपीसीआर रिपोर्ट की 72 घंटे वेलिडिटी मांग रहे हैं। एक रिपोर्ट हजार रुपए से ज्यादा में होती है। रिंगरोड कपड़ा बाजार में 80 फीसदी स्टाफ व श्रमिक कार्यरत है अब यह लोग हर तीन दिन में नई रिपोर्ट कैसे निकालकर बाजार पहुंचें। इसके अलावा कपड़ा बाजार में ज्यादातर व्यापारी, स्टाफ, श्रमिक 18 से 45 साल के हैं और उन्हें वैक्सीन दी नहीं जा रही तो वे वैक्सीनेशन की रिपोर्ट कहां से लाएं? ऐसी स्थिति में जिस तरह से रिंगरोड कपड़ा बाजार में व्यापारिक सहयोग से वैक्सीनेशन सेंटर खोले गए, इसी तरह से आरटीपीसीआर जांच केंद्र भी खोले जा जाए।
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