सूरत

जनवरी के अंत तक खुल पाएगा सरदार ब्रिज

सरदार ब्रिज के एक्सपेंड हो रहे एक हिस्से का काम लगभग पूरा होने को है। माना जा रहा है कि गणतंत्र दिवस पर इसे आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। अठवा गेट को

सूरतDec 27, 2017 / 08:48 pm

मुकेश शर्मा

Sardar Bridge will open till end of January

सूरत।सरदार ब्रिज के एक्सपेंड हो रहे एक हिस्से का काम लगभग पूरा होने को है। माना जा रहा है कि गणतंत्र दिवस पर इसे आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। अठवा गेट को गुजरात गैस सर्किल से जोड़ रहे सरदार ब्रिज पर लगातार बढ़ते ट्रैफिक से निपटने के लिए मनपा का ब्रिज सेल इसे सिक्स लेन कर रहा है। शुरुआत में मनपा प्रशासन ने गुजरात गैस सर्किल से अठवागेट की ओर आने वाले रास्ते को चौड़ा करने का निर्णय किया। इसके पीछे कारण यह बताया गया कि लोग घर से दफ्तर समय पर पहुंच सकें।

पहले एक तरफ के काम पर फोकस किया गया। गौरतलब है कि अडाजण से नदी पार नौकरी या व्यवसाय के लिए जाने वाले लोगों में करीब ८० फीसदी सरदार ब्रिज का इस्तेमाल करते हैं। इस रास्ते का काम पूरा होने के लिए मनपा प्रशासन ने पहले १५ अक्टूबर की तारीख तय की थी। तय समय तक काम पूरा नहीं होने पर अधिकारियों ने बार-बार इसकी तारीख आगे बढ़ाई। अब ब्रिज के एक्सपेंशन का काम लगभग पूरा हो गया है। २६ जनवरी को इसे आम जन के लिए खोला जा सकता है।

जीएसटी की कड़वी दवाई से अब मिल रही है राहत

दूसरे राज्यों से आने वाला रिटर्न गुड्स घटा

जीएसटी के कड़वे घूंट से व्यापारियों को धीरे-धीरे राहत मिल रही है। पहले की अपेक्षा अन्य राज्यों से आने वाले रिटर्न गुड्स की संख्या कम हुई है। इसके अलावा पेमेंट की प्रक्रिया में भी सुधार हुआ है। अब यहां के व्यापारियों को पेमेंट के लिए बाहर के व्यापारियों को पहले की तरह बार-बार याद नहीं दिलाना पड़ता।

जीएसटी के कई नियमों को लेकर भले व्यापारी नाराज हैं और उनमें सरलीकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन जीएसटी के कुछ कड़े प्रावधानों से उन्हें लाभ भी हो रहा है। व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी से पहले सूरत के व्यापारी जो माल अन्य राज्यों में भेजते थे, वह नहीं बिकने पर वापस आ जाता था।

व्यापारियों के सामने उसे स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। यदि वह इससे इनकार करते थे तो दूसरे राज्यों के व्यापारियों की ओर से पेमेंट रोक दिया जाता था। जीएसटी के बाद यह समस्या कम हुई है। ज्यादातर व्यापारियों को जीएसटी पूरी तरह समझ नहीं आया है, इसलिए वह पहले से ही कम माल भेज रहे हैं।

अन्य राज्यों के व्यापारी भी माल वापस भेजने के लिए फिर से जीएसटी की लंबी बिलिंग प्रक्रिया से बचने के लिए कम माल मंगा रहे हैं। इससे रिटर्न गुड्स की समस्या 20 प्रतिशत घट गई है। इसके अलावा जीएसटी के नियम के अनुसार निश्चित समय पर पेमेंट नहीं करने पर क्रेडिट नहीं मिलता। इसलिए अन्य राज्यों के व्यापारी समय पर पेमेंट कर रहे हैं। पहले छह महीने तक व्यापारियों को पेमेंट नहीं मिल पाता था।

रिटर्न गुड्स घटा

पिछले चार महीने से रिटर्न गुड्स नहीं आए थे। एक सप्ताह से रिटर्न गुड्स आना शुरू हुआ है। पहले की अपेक्षा रिटर्न गुड्स घटा है। आने वाले दिनों में हालात स्पष्ट होंगे।श्रीकृष्ण बंका, व्यापारी

अब अच्छा असर

जीएसटी के कारण भले व्यापारियों को परेशान होना पड़ा, लेकिन इसके कारण रिटर्न गुड्स की संख्या घटी है। इससे व्यापारियों को राहत मिली है। पहले इस समस्या से व्यापार पर असर पड़ रहा था। जीएसटी ने कड़वी दवा की तरह काम किया। इसका अच्छा असर अब दिख रहा है।अभिषेक अग्रवाल, व्यापारी

समय पर पेमेंट

जीएसटी के कारण रिटर्न गुड्स की समस्या 20 प्रतिशत घटी है। अन्य राज्यों के व्यापारी सोच-समझ कर माल मंगा रहे हैं और सूरत के व्यापारी भी कम माल भेज रहे हैं। इसके अलावा क्रेडिट पाने के लिए अन्य राज्यों के व्यापारी समय पर पेमेंट कर रहे हैं।नरेन्द्र साबू, व्यापारी

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