जानकारी के अनुसार लोक डाउन का 14 अप्रैल को आखिरी दिन था। इसके बाद से ही अलग-अलग जगह से बड़ी संख्या में मजदूर अपने घरों को जाने के लिए निकल आए थे। बुधवार सुबह कुछ मजदूरों के सूरत की ओर से रेलवे ट्रैक पर पैदल बारडोली की ओर आने की सूचना पर बारडोली प्रशासन सकते में आ गया। बारडोली जीआरपी आउट पोस्ट के जमादार हरसिंग अपने स्टाफ के साथ उमराख गांव के रेलवे फाटक के पास पहुंचे। यहां करीब 80 मजदूर पैदल आते हुए मिले। लॉकडाउन के दौरान जब आम आदमी के बाहर निकलने पर चालान काटे जा रहे हैं, इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों का पैदल ही बारडोली तक पहुंच जाना प्रशासनिक मुस्तैदी पर सवाल खड़े कर रहा है।
जीआरपी ने सभी को वहीं पर रोका और बाद में बारडोली पुलिस, एसडीएम और तहसीलदार को जानकारी दी। जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंच गया और मजदूरों से पूछताछ शुरू की। मजदूरों ने बताया कि वे सचिन जीआईडीसी से अपने घरों को जाने के लिए पैदल ही निकले हैं। सभी मजदूर मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए जत्थे में रवाना हुए थे। प्रशासन ने सभी मजदूरों को बारडोली लाकर भोजन कराया और आगे नहीं जाने देने की हिदायत के साथ वापस सचिन भेज दिया।
सभी को वापस भेजा सूचना मिलते ही सभी मजदूरों को आगे जाने से रोक दिया गया है। सभी मजदूर पैदल ही उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्यपदेश की ओर जाने के लिए निकले थे। सभी के खाने की व्यवस्था कर उनको वापस सचिन भेज दिया गया।
वीएन रबारी, एसडीएम, बारडोली
गुड्स ट्रेन के चालक से मिला इनपुट बुधवार सुबह बारडोली रेलवे मास्टर को एक गुड्स ट्रेन के चालक ने सूरत से मजदूरों के बारडोली की ओर आने की सूचना दी। रेलवे मास्टर से जानकारी मिलने पर उमराख रेलवे फाटक के पास उन्हें रोका गया।
हरसिंग, जमादार, बारडोली रेलवे पुलिस आउटपोस्ट