डांग एक्सप्रेस सरिता गायकवाड़ को भूल गया शिक्षा विभाग
सरकारी लापरवाही का आलमसामाजिक विज्ञान कक्षा सात की पुस्तक में किसी और का नाम और फोटो लगाया
Alam of government negligencePut someone else’s name and photo in the social science class seven book
जितेन्द्र पटेल खेरगाम. गुजरात के डांग जिले के छोटे से गांव से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दौड़ स्पर्धाओं में देश का नाम रोशन करने वाली सरिता गायकवाड़को ही शिक्षा विभाग भूल गया। कक्षा सात की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक में सरिता की जगह किसी वनिता गायकवाड़ का नाम और फोटो छापने की गंभीर लापरवाही सामने आई है। पुस्तक बाजार में भेजने से पूर्व शिक्षा मंत्री एवं उच्चाधिकारियों ने इसकी जांच तक नहीं की है। कहा जा रहा है कि सरिता की जगह जिस वनिता गायकवाड़ का नाम और फोटो छपा है वह महाराष्ट्र की है और किसी खेल से नहीं जुड़ी है।
https://www.patrika.com/surat-news/honor-of-golden-girl-sarita-gaekwad-1-3413137/https://www.patrika.com/surat-news/if-this-happens-then-it-will-be-very-difficult-6251506/ पेज नंबर 104 पर सशक्त महिलाओं के बारे में जानकारी दी गई डांग जिले के आहवा के पास एक गांव के आदिवासी परिवार में जन्मी सरिता गायकवाड़ ने वर्ष 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स में 400 मीटर दौड़ और एशियन गेम्स में 400 मीटर बाधा दौड़ में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता था। सरिता को डांग एक्सप्रेस के नाम से जाना जाता है, लेकिन शिक्षा विभाग लगता है उसे भूल गया है। राज्य के स्कूल पाठ्य पुस्तक मंडल द्वारा कक्षा सात के लिए सामाजिक विज्ञान विषय नई पुस्तक गुजरात शैक्षणिक संशोधन व तालीम परिषद गांधीनगर पत्र क्रमांक जीसीईआरटी / अभ्यास/ 2020/ 4320 दिनांक 18 फरवरी 2020 को प्रकाशित की गई। इसमें पेज नंबर 104 पर सशक्त महिलाओं के बारे में जानकारी दी गई है। इसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, स्वर कोकिला लता मंगेशकर, अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का उल्लेख किया गया है।
सरिता गायकवाड़ के नाम की जगह वनिता गायकवाड़ का नाम और फोटो लगाया गया वहीं, इसमें गुजरात की विश्वप्रसिद्ध धाविका सरिता गायकवाड़ के नाम की जगह वनिता गायकवाड़ का नाम और फोटो लगाया गया है। इस गंभीर लापरवाही की ओर ध्यान जाने पर शिक्षाविदों से लेकर आदिवासी समाज में शिक्षा विभाग के खिलाफ बड़ी नाराजगी है। इस लापरवाही के कारण बच्चों को भी गलत जानकारी पढ़ाई जाने को लेकर भी लोगों में रोष है।