SERIAL BLASTS 2008 : सूरत को भी दहलाने की थी साजिश, भाग्य सूरतीयों के साथ था
दिनेश एम.त्रिवेदीसूरत. तेरह साल पूर्व अहमदाबाद के साथ साथ सूरत में भी सिलसिलेवार बम धमाके कर शहर में तबाही मचाने की आतंकियों की साजिश थी। लेकिन भाग्य सूरतीयों के साथ था, आतंकियों से एक तकनीकी चूक हुई और शहर शवों के ढेर लगने से बच गया। तब देश के कई शहरों में बम धमाके हुए थे।
आतंकियों ने 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद के साथ साथ सूरत शहर में दहलाने की साजिश रची थी। आतंकियों ने पूरे शहर की रेकी करके भीड़भाड़ 29 से अधिक स्थानों का चयन किया था। वहां अमोनियम नाइट्रेड और छर्रो का इस्तेमाल कर तैयार किए गए बम इस तरह से लगाए थे कि अधिक से अधिक लोग इसकी चपेट में आए।
लेकिन तैयार किए गए बमों में डिटोनेटर और टाइमर चिप ठीक से नहीं लगने के कारण विस्फोट से नहीं हुए। अहमदाबाद तो शाम के समय धमाकों से दहल उठा, लेकिन सूरत में धमाके नहीं हुए।अगले दिन सुबह से शहर में विभिन्न स्थानों से बम बरामद होने शुरू हो गए। उमरा क्षेत्र में सुबह मनपा के सफाईकर्मी को बम मिला तो सूरत शहर पुलिस के भी कान खड़े हो गए।
फिर पुणागाम, वराछा मिनी बाजार, कतारगाम समेत अन्य इलाकों पेड़ों, ट्रैफिक सर्कलों, फ्लाइओवर पुलों, एडवरटाइजिंग हार्डिंग्स समेत विभिन्न जगहों से बम बरामद होने लगे। बम निरोधक दस्ता बमों को डिफ्यूज करने में जुट गया। पुणागाम में जागरुक नागरिक की मदद से पुलिस को विस्फोटक सामग्री से भरी दो कारें संदिग्ध हालात में बरामद हुई। दोनों कारों में बम बनाने की सामग्री थी।
इन बमों की बरामदगी को लेकर शहर के अलग -अलग पुलिस थानों में मामले दर्ज किए गए। और भी कई स्थानों पर बम होने की आशंका के चलते शहर पुलिस व मनपा ने तीन दिनों तक बमों को ढूंढने के लिए विशेष अभियान चलाया था।
इस दौरान शहर के चप्पे चप्पे की तलाशी ली गई। 29 से अधिक बम से बरामद हुए थे। अहमदाबाद और सूरत में धमाकों की साजिश के पीछे एक ही संगठन होने के कारण दोनों मामलों की जांच अहमदाबाद में गठित विशेष टीम ने शुरू की।
सूरत से भी दर्जनों को लिया था हिरासत में : धमाकों की साजिश को लेकर विशेष टीम ने सूरत से भी प्रतिबंधित संगठन सिमी के साथ साथ विभिन्न तरह के आतंकियों गतिविधियों में किसी न किसी तरह से लिप्त रहे लोगों व चरमपंथी विचारधारा वालों की सूची तैयार की। सूरत से भी इस तरह के दर्जनों लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।
लेकिन पूरी साजिश से पर्दा उठाने वाले सूचना पुलिस को भरुच से मिली। भरुच में आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाले कारें दिखने की जानकारी मिलने पर पुलिस ने साजिद मंसूरी को गिरफ्तार किया और फिर परत दर परत सूरत और अहमदाबाद में बम धमाकों की साजिश के राज खुलते गए।
इतना ही नहीं इंडियन मुजाहिदीन के मास्टर माइंड भटकल बंधुओं व तौकिर आदि की गिरफ्तारी से देश के अन्य शहरों में हुई श्रंखलाबद्ध विस्फोटों के राज भी उजागर हुए थे। ———————-
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