इन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस किया था। गुजरात पॉलिटिक्स में मोदी को नई जिम्मेदारी मिलने से राजनीति गरमा गई है। प्रभारी नियुक्ति को लेकर कई तरह की बहस भी शुरू हो गई है।
पूर्णेश मोदी के बारे में
58 वर्षीय पूर्णेश मोदी 3 बार के विधायक हैं। वह ओबीसी समुदाय से आते हैं और पेशे से वकील हैं। पहली बार 2013 में सूरत पश्चिम सीट से उपचुनाव जीतकर वह विधायक बने थे। फिर 2017 और 2022 में उसी सीट से चुने गए थे। पिछली बार वह एक लाख वोटों के अंतर से जीते थे।
2021 में उन्हें पहली भूपेंद्र पटेल सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और परिवहन, नागरिक उड्डयन, पर्यटन और तीर्थयात्रा विकास जैसे विभाग सौंपे गए थे।
2013 से विधायक हैं पूर्णेश मोदी
मूलरूप से सूरत के रहने वाले पूर्णेश मोदी को पार्टी ने अब केंद्र शासिक प्रदेश का प्रभारी बनाकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी हैं। मोदी के एकाएक बढ़े कद से सूरत और गुजरात पॉलिटिक्स गरमा गई है। मोदी काफी वक्त से हाशिए पर थे। विधायक के बाद उनके बाद पास कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं थी। संगठन की अच्छी समझ रखने वाले पूर्णेश मोदी उन नेताओं शामिल हैं जिन्होंने पार्टी को न सिर्फ मजबूत किया है कि प्रदेश शहर प्रमुख रहते हुए उन्होंने सूरत में विकास के कई नए कामों को लागू करवाया था।
पूर्णेश मोदी ने किया था राहुल गांधी के खिलाफ मानहानी का केस
बता दें कि पूर्णेश मोदी की 2019 की एक याचिका के कारण कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि मामले दोषी ठहराया गया था, जिसके चलते उन्हें संसद सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित होना पड़ा था।
राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान ‘मोदी सरनेम’ को लेकर कथित विवादास्पद टिप्पणी की, जिसे लेकर पूर्णेश मोदी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेता ने पूरे मोदी समुदाय का अपमान किया है।