नोटबंदी और उसके बाद कोरोना काल में डिजिटल भुगतना बढ़ा है तो दूसरी ओर साइबर क्राइम करने वाले भी बड़ी संख्या में सक्रीय हुए है। अकाउंट से रुपए उड़ाने के साथ सोशल मीडिया पर मोर्फ फोटो के जरिए बदनाम करने की धमकी देकर रुपए वसूलना, इनाम की लालच देकर रुपए ऐंठे के साथ ही युवतियों को बदमान करने जैसे मामलों भी बढ़े हैं, तब इस तरह के अपराधों से व्यक्ति को जागरूकता ही बचा सकती है और इसी लिए सरकार और पुलिस विभाग लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है। इसी के तहत केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय ने साइबर क्राइम को काबू में लेने के लिए इंडियन साइबर क्राइम कॉ-ऑर्डिनेशन सेंटर योजना शुरू की है। साथ ही पीडि़त व्यक्ति शिकायत दर्ज करा सके इसलिए नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टींग पोर्टल भी बनाई गई है। गृह मंत्रालय की ओर से विद्यार्थियों को साइबर क्राइम को लेकर जागरूक करने के लिए निर्देश दिए जाने के बाद गुजरात सरकार की ओर से इस दिशा में कवायद शुरू की गई है और पुलिस तथा शिक्षा विभाग संयुक्त रूप से हर महीने एक दिन विद्यार्थियों को साइबर क्राइम के पाठ पढ़ाएगी इसकी योजना बनाई जा रही है। योजना के मुताबिक इसके लिए प्रत्येक महीने का अंतिम बुधवार तय किया गया है। इस दिन सुबह 11 से 12 बजे तक हर स्कूल में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को साइबर क्राइम क्यां है और इसे किस तरह अंजाम दिया जाता है। साइबर क्राइम से बचने के लिए किस तरह की सावधानियां हमे रखने चाहिए इसके पाठ पढ़ाए जाएंगे।
स्कूलों से गुगल फॉर्म में मंगाई गई जानकारी
राज्य सरकार के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने साइबर क्राइम के पाठ पढ़ाने के लिए योजना बनाना शुरू किया है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र जारी कर राज्यों की स्कूलों से गुगल फॉर्म में जानकारी मंगाई गई है। यह जानकारी सीआइडी क्राइम विभाग को मुहैया की जाएगी।
राज्य में डेढ़ साल में साइबर ठग 155 करोड़ रुपए पार कर गए
कोरोना काल के डेढ़ वर्ष में राज्य में साइबर क्राइम में उछाल आया है। साइबर क्राइम सेल के मुताबिक ठगी का शिकार हुए 37 हजार लोगों ने हेल्पलाइन पर शिकायतें दर्ज करवाई है। शिकायतों के मुताबिक 155 करोड़ रुपए का चुना साइबर ठगों ने लगाया है।