सूरत रेलवे स्टेशन से शुरू की गई रेल-पोस्ट गति शक्ति एक्सप्रेस सेवा शहर के कपड़ा बाजार को खूब रास आ रही है। मार्च से सितंबर के बीच 52 पार्सलयान सूरत से बनारस भेजे गए हैं। इसमें करीब 9,28,120 किलो टेक्सटाइल पार्सल बनारस पहुंचाए गए, जिससे सूरत स्टेशन को करीब 80,30,831 रुपए की आय हुई है। 29 सितंबर को सूरत आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना का जिक्र करते हुए कहा था कि जल्द ही सूरत से बनारस के बीच पार्सलयान को प्रतिदिन किया जाएगा। इसके बाद पश्चिम रेलवे तैयारियों में जुटा है।
पश्चिम रेलवे के मुम्बई रेल मंडल प्रबंधक जी. वी. एल. सत्यकुमार ने टेक्सटाइल नगरी सूरत के कपड़ा बाजार से बनारस के लिए पार्सल भेजने का ट्रायल रन 31 मार्च 2022 को किया था। 19045 सूरत-छपरा ताप्ती गंगा एक्सप्रेस में प्रत्येक बुधवार और रविवार को एक पार्सलयान भेजने की व्यवस्था शुरू की है। शहर के अलग-अलग मार्केट से पार्सल संग्रह करके रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने का काम पोस्टल विभाग करता है। इस योजना को रेल-पोस्ट गति शक्ति एक्सप्रेस सेवा का नाम दिया गया है। सूरत से शुरू हुई योजना को अब देश के अलग-अलग क्षेत्रों को जोडऩा शुरू किया गया है।
बीती 28 जुलाई को भारतीय डाक के सहयोग से गुजरात एक्सप्रेस ट्रेन में “एक्सप्रेस कार्गो सेवा” की योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत मुंबई से पहला कंसाइनमेंट ट्रेन नंबर 22953 मुंबई-अहमदाबाद गुजरात एक्सप्रेस में लोड किया गया था। जानकारों के मुताबिक देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई से सेवा शुरू करने के लिए पश्चिम रेलवे और भारतीय डाक की यह पहल एक बड़ा कदम है। इससे रेलवे को घरेलू कार्गो के परिवहन की क्षमता का उपयोग करने में मदद मिलेगी। इससे एग्रीगेटर्स को सस्ती कीमतों पर और तेज गति से एंड टू एंड तक सेवा मिलेगी।
रेलवे ने बताया कि सूरत स्टेशन से 90 प्रतिशत टेक्सटाइल पार्सल और 10 प्रतिशत जरी पार्सल ट्रेन से बनारस पहुंचाए गए हैं। ग्रीष्मावकाश के सीजन में कपड़ा व्यापारियों ने बड़ी संख्या में सूरत से बनारस ट्रेन से पार्सल भेजे हैं। गौरतलब है कि 29 सितंबर को सूरत के नीलगिरी मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सूरत से बनारस प्रतिदिन पार्सलयान भेजने के लिए ट्रेन चलाने की घोषणा की थी। इसके बाद पश्चिम रेलवे के अधिकारी इस दिशा में कवायद शुरू कर दी है।
– यह है योजना रेल-पोस्ट गति शक्ति एक्सप्रेस सेवा में “एक्सप्रेस कार्गो सेवा” को माल और पार्सल के लॉजिस्टिक मूवमेंट को आसान कनेक्टिविटी के लिए लागू किया जा रहा है। रेलवे और डाक के सहयोग से संयुक्त पार्सल उत्पाद को बिजनेस टू कंज्यूमर (बी2सी) और बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) बाजार को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। यह सिस्टम ई-कॉमर्स और एमएसएमई बाजार पर फोकस करता है जो 35 से 100 किलोग्राम के बीच भार वर्ग के बाजार के रुझान के अनुसार सस्ती कीमत पर पार्सल भेजने की सुविधा देता है।
– ई कॉमर्स और कुरियर क्षेत्र में पकड़ होगी मजबूत इस योजना के तहत रेलवे का फोकस ट्रेनों के माध्यम से ई-कॉमर्स और कुरियर के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने पर है। हर ट्रेन में आगे और पीछे की ओर रेफ्रिजरेशन वैगन भी लगेगी, ताकि इनमें दूध के उत्पाद, मछलियां, फल और सब्जियां आदि ले जाई जा सके। केंद्रीय रेलवे और कपड़ा राज्यमंत्री दर्शना जरदोष ने उधना-बनारस सुपरफास्ट ट्रेन के उद्घाटन संबोधन में इसकी जानकारी दी थी। इन रेफ्रिजरेशन वैगन के लिए कोच से बिजली कनेक्शन पहुंचाया जाएगा। हर कोच में दो बड़े दरवाजे होंगे। इसका निर्माण चेन्नई आइसीएफ में किया जा रहा है।
– सूरत में रेल-पोस्ट गति शक्ति एक्सप्रेस सेवा में माल लदान :
माह /डिब्बे /वजन /आय
सितंबर -वीपी-5 -99,960 -7,50,398
अगस्त -वीपी-13 -3,08,430 -21,98,778
जुलाई -वापी-8 -1,78,890 -18,64,666
जून -वीपी-9 -1,46,640 -12,27,696
मई -वीपी-8 -96,300 -9,55,112
अप्रेल -वीपी-8 -87,360 -9,11,472
मार्च -वीपी-1 -10,540 -1,22,709