सूरजपुर जिले के ग्राम बसदेई निवासी भारत राम राजवाड़े अपने घर में अकेला रहता था। उसकी पत्नी तीन-चार साल पूर्व ही उससे अलग हो गई थी। भारत ने करीब 3 साल पहले अपने 32 डिसमिल जमीन को गांव के एक व्यक्ति को बिक्री करने हेतु 50 हजार रुपए लिए थे। लेकिन जमीन की रजिस्ट्री नहीं की थी।
17 दिसंबर को इसी मामले को लेकर उसके घर के पास पहुंचे एक व्यक्ति ने उसे कहा कि मेरे भाई से जमीन का पैसा लिये हो तो रजिस्ट्री कर दो, तब भारत राम बोला कि ठीक है जमीन नहीं दूंगा, पैसा ले लेना। इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया था। इसके बाद भारत राम साइकिल से अपने घर चला गया।
लेकिन इस दिन के बाद से वह गांव में दिख नहीं रहा था। इसी बीच २६ दिसंबर की सुबह जब भारत का चाचा पवन साय राजवाड़े उसके घर के पास मवेशी को चारा देने गया तो घर से काफी दुर्गंध आ रहा था। इस पर उसे भारत राम की मौत होने की आशंका हुई। फिर इसकी सूचना मिलते ही बसदेई पुलिस मौके पर पहुंची। घर का दरवाजा खोला गया तो भारत की लाश मिली। उसकी हत्या कर दी गई थी। मामले में पुलिस ने धारा ३०२ व २०१ के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की।
इधर मामले की सूचना मिलते ही एसपी रामकृष्ण साहू ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह, एसडीओपी सूरजपुर प्रकाश सोनी, एफएसएल, डॉग स्क्वायड व क्राइम सीन की टीम को घटना स्थल का बारीकी अवलोकन कर साक्ष्य संकलन करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह व एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोनी के मार्गदर्शन में चौकी बसदेई पुलिस द्वारा विवेचना की गई।
विवेचना के दौरान ज्ञात हुआ कि मृतक आपराधिक प्रवृत्ति का था। उसका परिवार में ही जमीन बंटवारा की बात को लेकर विवाद था। फिर इस बिन्दु पर बारीकी से विवेचना की गई तो प्रतीत हुआ कि मृतक की मृत्यु की सूचना काफी विलम्ब से दिया गया है जिससे आशंका जताई गई कि जरूर परिवार के ही व्यक्ति का हत्या में हाथ है।
इसके बाद पुलिस ने जांच आगे बढ़ाते हुए मृतक की हत्या में शामिल उसके चचेरे भाई मानसाय राजवाड़े पिता स्व. आलम साय राजवाड़े उम्र 36 वर्ष निवासी बसदेई व साथी गुलाम कादिर अंसारी पिता मोहम्मद फारूख अंसारी उम्र 22 वर्ष निवासी मिश्रा गली सूरजपुर को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर मृतक की हत्या करना स्वीकार किया। मामले में एक अन्य आरोपी फरार है जिसकी पतासाजी सरगर्मी से की जा रही है।
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चचेरे भाई को पूरे परिवार सहित हत्या करने की दी थी धमकी पुलिस ने लगातार सभी बिन्दुओं पर विवेचना करने पर पाया कि मृतक का अपने चचेरे भाई मानसाय राजवाड़े से जमीन का विवाद काफी दिनोंं से चल रहा था। मानसाय के हिस्से की जमीन पर मृतक ने 5 माह पहले जबरन कब्जा करते हुए उस पर खेती कर दी थी। इस बात को लेकर मानसाय तनाव में रहता था, मृतक को बोलने पर वह जान से मारने की धमकी देता था।
अभी हाल में संयुक्त खाते की भूमि 22 डिसमिल को मृतक ने 2 लाख रुपए में ग्राम झांसी निवासी एक व्यक्ति के पास बिक्री करने का सौदा कर लिया था और 1 लाख रुपए भी उससे ले लिया था। वह अपने चाचा तथा चचेरे भाई मानसाय को जमीन बिक्री हेतु सहमति देने बोल रहा था। चाचा सहमति देने को तैयार था किन्तु आरोपी मानसाय ने यह बोलकर सहमति देने से मना किया था कि जमीन का बंटवारा हो जाने दो तब तुम जमीन बेचना, फिलहाल जमीन बिक्री हेतु सहमति नहीं दूंगा।
इसी बात को लेकर मृतक ने 17 दिसंबर को मानसाय के मोबाइल पर कॉल किया और बोला कि अपना फौती चढवा लो, मैं अपना जमीन एक व्यक्ति के पास 3 लाख 50 हजार रुपए में बेचा हूं।
उसमें तुमको सहमति में दस्तखत करना है, नहीं करोगे तो मैं तुम्हारा मर्डर कर दूंगा। तब आरोपी बोला कि पट्टा अलग-अलग हो जाने दो, तब जमीन बेच लेना। इस पर मृतक बोला कि तुमको अभी ही दस्तखत करना होगा। नहीं तो तुमको जान से मार दूंगा, तुम्हारे बच्चे और तुम्हारी पत्नी व पूरे परिवार को खत्म कर दूंगा।
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सूरजपुर में बनाई थी हत्या की योजनामृतक द्वारा जान से मारने की धमकी देने के बाद मानसाय ने उसकी हत्या करने की ठान ली। मानसाय सूरजपुर में कपड़ा सिलाई का दुकान चलाता है। उसने दुकान में काम करने वाले गुलाम कादिर अंसारी व एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर सूरजपुर में भारत राम की हत्या करने की योजना बनाई।
इसके बाद 17 दिसंबर की शाम करीब 7 बजे तीनों बाइक से सूरजपुर से बसदेई आए। यहां मृतक के घर में रहने की जानकारी पर तीनों टांगी, फरसा और डण्डा लेकर रात करीब १० बजे पहुंचे। इसके बाद टांगी, फरसा से वार कर भारत राम की हत्या कर दी। फिर बाहर से ताला बंद कर व मृतक का मोबाइल लेकर चले गए।
कार्रवाई में ये रहे शामिल
इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी बसदेई बृजेश यादव, एएसआई लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता, मानिकदास, प्रधान आरक्षक आनन्द सिंह, अमित सिंह, आरक्षक देवदत्त दुबे, सुरेश साहू, अभय तिवारी, प्रेम सिंह, प्रदीप सोनवानी, रामसागर साहू, निलेश जायसवाल, विश्वजीत सिंह, युवराज यादव, ओमप्रकाश सिंह, महिला आरक्षक अलती राजवाडे व सैनिक बृजेश साहू सक्रिय रहे।