script3 नौकरी छोड़ चुकीं नंदिनी हैं डीएसपी, कहा- महिलाओं का शोषण देख होती थी पीड़ा, इसलिए पहनी पुलिस की वर्दी | DSP Nandini Thakur: DSP Nandini told why wear police dress | Patrika News
सुरजपुर

3 नौकरी छोड़ चुकीं नंदिनी हैं डीएसपी, कहा- महिलाओं का शोषण देख होती थी पीड़ा, इसलिए पहनी पुलिस की वर्दी

DSP Nandini Thakur: राज्य पुलिस सेवा की अधिकारी डीएसपी नंदिनी ठाकुर ने कहा कि मेरे परिवार में कोई पुलिस विभाग (Police Department) में नहीं रहा, महिलाओं के प्रति हो रहे अपराध को रोकने पुलिस विभाग किया ज्वाइन, नंदिनी ने बेटियों को संदेश देते हुए कहा कि माता-पिता (Parents) के लिए कुछ बनकर दिखाएं

सुरजपुरMar 08, 2022 / 11:20 pm

rampravesh vishwakarma

State Police Service

DSP Nandini Thakur

सूरजपुुर. DSM Nandini Thakur: डीएसपी नंदिनी ठाकुर की सूरजपुर जिले में पहली पोस्टिंग है। उन्होंने पत्रिका से चर्चा के दौरान बेटियों को संदेश देते हुए कहा कि आज तक उनके माता-पिता ने जो संघर्ष किया है उसके बदले में उन्हें कुछ बनकर जरूर लौटाएं। माता पिता का सिर फक्रसे ऊंचा उठ जाए, ऐसा कुछ कर जाएं। किसी भी फील्ड में जाएं और अपने मेहनत के दम पर छा जाएं। नियमित मेहनत जारी रखें, सपने जरूर देखें, मुकाम देर से ही सही लेकिन हासिल जरूर होगा। नंदिनी ठाकुर की कहानी (Story of DSP Nandini) भी प्रेरणा देने वाली है। डीएसपी नंदिनी कहती हैं मेरी मां शिक्षक हैं उन्हीं से मार्गदर्शन मिला हैं। परिवार में खेलते-कूदते बचपन बीता। बचपन से ही पुलिस और प्रशासनिक सेवा की छवि परिवार में बनी रही। माता-पिता ने भी वैसी ही परवरिश दी, कभी कोई भेद नहीं किया।

नंदिनी ठाकुर 2019 बैच की राज्य पुलिस सेवा की अधिकारी हैं, वे बताती है कि सूरजपुुर जिले में पहली पोस्टिंग है, डीएसपी पद के लिए इसके पूर्व 3 नौकरी छोड़ चुकी हूं। मुझे अपने मम्मी से काफी ज्यादा मार्गदर्शन मिला, मम्मी टीचर हैं मैंने कभी नहीं सोचा कि कोई भी सर्विस छोटी या बड़ी होती है।
डीएसपी बनने के पीछे सोच यह थी कि समाज की सेवा के लिए वर्दी का प्रति मुझे काफी लगाव रहा और महिलाओं के प्रति जो अपराध हो रहे हैं, दिन प्रतिदिन प्रताडि़त हैं, उनका शोषण हो रहा है, उसे रोकने का ख्याल था। मेरे परिवार में भी कोई पुलिस विभाग से नहीं था, एक कमी खल रही थी।
महिलाओं के विरूद्ध शोषण को लेकर काफी पीड़ा होती थी, इसमें सुधार एवं महिलाओं की सुरक्षा के लिए मैंने पुलिस विभाग का चयन किया। नंदिनी ने कहा कि यहां बेटियों के लिए बहुत अच्छा माहौल मुझे दिखता है, लेकिन जरूरत बस उन्हें बेहतर करने के लिए प्रेरित करने की है। इस पर स्कूल स्तर पर ही काम होना चाहिए।
टीचर्स ही देखें कि कौन से स्टूडेंट में कैसा टैलेंट है और उसे आगे दिशा दें उसका मार्गदर्शन करें, उसे मोटिवेट करें। साथ ही माता-पिता की भी जिम्मेदारी है कि वे अपनी बेटियों को बेहतर करने के लिए प्रेरित करें।

सिर्फ बेटियों की शादी का माइंडसेट करना होगा खत्म
बेटियों के लिए यह माइंड सेट खत्म करना होगा कि उनकी बस शादी करनी है, माता पिता पहले उनके करियर के बारे में सोचें। मुझे सूरजपुर जिले में आए डेढ़ माह हुआ है मैंने यहां देखा है कि जिले की पुलिस महिलाओं की सुरक्षा लेकर काफी संजीदा है, उनकी सुरक्षा एवं सशक्तिकरण को लेकर काफी प्रयासरत् है।

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सपने को कैसे पूरा करें, यह सोचें
डीएसपी ने कहा कि सभी महिलाओं और बेटियों को आज के दिन की शुभकामनाएं देना चाहूंगी। मैं आज के दिन के लिए बस यही कहूंगी कि बेटियां अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करें, बेटियां यह सोचें कि उनकी मां ने जो सपना अपने लिए देखा था उसे कैसे पूरा किया जा सकता है।
हर मां कुछ ना कुछ जरूर करना चाहती थी लेकिन हालात ने उसका साथ न दिया हो तो बेटिया यह सोचें कि वे अपनी मां का सपना कैसे पूरा कर सकती है। एक मां के लिए इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता।

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