सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि कोरोना से जिले में रोजाना लोगों की मौत हो रही है लेकिन मृतकों के मृत्यु प्रमाण पत्र में इसका कोई जिक्रनहीं हो रहा है। कोरोना से मरने वाले मरीजों के परिजन जिला चिकित्सालय सुरजपुर से मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर जा रहे हैं लेकिन इस प्रमाण पत्र में साधारण जानकारी ही दर्ज है।
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जबकि मरीज की मौत जानलेवा
कोरोना महामारी के कारण हुई है। अब ऐसे में यदि परिजनों को भविष्य में प्रमाण की जरूरत हुई तो उनके पास कोई भी शासकीय दस्तावेज नहीं रहेगा जिससे ये पता चल सके कि मरने वाला कोरोना संक्रमित था।
सूरजपुर जिला चिकित्सालयों में कोरोना के मरीज भर्ती हैं, यहां जिन मरीजों की मौत हुई है, उनके मृत्यु प्रमाण पत्र जिला चिकित्सालय से ही जारी किए जा रहे हैं। रोजाना कई लोग यहां अपने परिजन का मृत्यु प्रमाण पत्र लेने पहुंच रहे हैं, जारी प्रमाण पत्र में कोरोना से मौत की कोई जानकारी नहीं है।
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भविष्य में होगी काफी दिक्कतसामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि भविष्य में यदि सरकार कोरोना से मरने वालों के परिजनों के लिए कोई योजना लाती है तो परिजन कैसे साबित करेंगे कि उनके सदस्य की मौत कोरोना
(Death from corona) से हुई है। ऐसे में उनके परिजन काफी परेशान है और जिला चिकित्सालय प्रबंधन भी उनकी कुछ मदद नही कर रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने कलक्टर व सीएमएचओ से विशेष आग्रह करते हुए मांग की कि कोरोना से मृतकों के परिजनों की समस्याओं को देखते हुए उचित कदम उठाएं।