एसईसीएल विश्रामपुर ने कुम्दा बस्ती, बलरामपुर सहित समीपस्थ ग्रामों के कई भू-स्वामियों की भूमि अधिग्रहित कर कोयला का उत्खनन कर लिया। अब कोयला उत्खनन (Coal diging) के बाद कई क्वारियों को खुला छोड़ दिया गया। अब इन क्वारियों में अथाह जल संग्रहित है। ग्रामीण लंबे समय से जिला प्रशासन व एसईसीएल प्रबंधन से पेयजल एवं सिंचाई के लिए इन क्वारियों का जल उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं।
ग्रामीणों की मांगों की अनदेखी
आखिर क्यों ग्रामीणों की मांगों की अनदेखी की जा रही है। ग्रामीणों की लंबे समय से मांग के बीच 2 कलक्टरों का स्थानांतरण भी हो गया, पर काम नहीं हुआ। एसईसीएल प्रबंधन (SECL Administration) द्वारा कोयला निकालने के बाद प्रभावित गांव में लोगों के साथ सिर्फ छलावा किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री को भी मामले से कराया अवगत
गोंडवाना गोंड महासभा के जिलाध्यक्ष विजय सिंह मरपच्ची एवं जिला रजवार संगठन मंत्री शोभनाथ राजवाड़े ने विगत दिनों सूरजपुर प्रवास पर आये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) से मिलकर ज्ञापन देकर अधूरे कार्य को पूर्ण कराने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य पूर्ण नहीं होने पर दोबारा मिलना। फिर भी एसईसीएल प्रबंधन द्वारा अब इस दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है।