पंचायत चुनाव में अराजकता बर्दाश्त नहीं : मेनका गांधी
सुलतानपुर. सांसद मेनका संजय गांधी ने कहाकि,भारतीय जनता पार्टी ने जिला पंचायत के चुनाव को गंभीरता से लिया है, वह हर हाल में अधिक से अधिक पार्टी प्रत्याशियों को जीत दिलाने में अपना योगदान निभाएंगी, चुनाव के दौरान होने वाली अराजकता से भी वह शक्ति से निपटेगी।
भारतीय झूठ पार्टी की सरकार में विकास तेज, रोजाना बढ़ रही महंगाई : ओम प्रकाश राजभर सांसद मीडिया प्रभारी विजय सिंह रघुवंशी ने बताया कि, सुल्तानपुर सांसद मेनका गांधी ने कहा कि जिले में विकास कार्यों को गति देने में जिला पंचायत व ब्लाकों का बड़ा योगदान होता है। यदि जिला पंचायत सदस्य, सांसद व विधायक के साथ मिलकर काम करें तो वह एक और एक मिलकर ग्यारह साबित होते हैं, उन्होंने कहा कि आगामी पंचायत चुनाव में पार्टी प्रत्येक जिला पंचायत सदस्य को विजय दिलाने के लिए भरसक प्रयास करेगी, क्योंकि जिला पंचायत सदस्यों का जमीनी विकास करने में एक बड़ा योगदान होता है। जिसके लिए केंद्र व प्रदेश सरकार के द्वारा एक बड़ा बजट मुहैया कराया जाता है।
अराजकता बर्दाश्त नहीं :- धनपतगंज थाना क्षेत्र में बढ़ रही अराजकता पर मेनका गांधी ने कहा कि, पंचायत चुनाव में अराजकता व गुंडागर्दी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुल्तानपुर जिला प्रशासन ने उन्हें आश्वस्त किया है कि पंचायत चुनाव में बाधा डालने वाले लोग सलाखों के पीछे होंगे। अभी हाल में धनपतगंज थाना क्षेत्र में हुई अपराधिक घटनाओं पर उनकी पूरी नजर है, आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले दोषी लोगों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सहायक उपकरण बांटे जाएंगे :- श्रीमती गांधी ने कहाकि, शुक्रवार को वह अपर मुख्य अधिकारी उदय शंकर सिंह के संयोजन में जिला पंचायत परिसर में एलिम्को के माध्यम से नगर व दूबेपुर विकास खण्ड के सैकड़ों लाभार्थियों को सहायक उपकरण वितरित करेंगी। संसदीय क्षेत्र में एक करोड़ 85 लाख की लागत से पूर्व चयनित 875 दिव्यांगजनों एवं 1661 वरिष्ठ लाभार्थियों को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की वयोश्री एवं एडिप योजना के तहत कुल 5792 सहायक उपकरण वितरित किया जायेगा।
लेखपाल पर भ्रष्टाचार का आरोप :- लंभुआ के अशोक मिश्रा ने ग्राम हरिपुर बनवाॅ परगना मीरानपुर तहसील लंभुआ के लेखपाल राजेश चौबे के घरौनी एवं खतौनी बनाने में व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला उठाया गया है। जिसपर श्रीमती गांधी ने प्रशासनिक अधिकारियों को फोन कर कार्रवाई करने को कहा।