तूफान ‘ताऊते’ और पश्चिमी विक्षोभ से यूपी का मौसम बदलेगा, आने वाले चार दिन भारी बारिश का मौसम अलर्ट मेरे परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि है :- मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बाहुबली पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह ने लिखा कि, मैं दो बार सपा और एक बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक निर्वाचित हो चुका हूं और 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा का प्रत्याशी रहा। बीजेपी प्रत्याशी मेनका गांधी मामूली अंतर से चुनाव जीत सकीं। सीएम को भेजे पत्र में उन्होंने आगे लिखा है कि मेरे परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि है। बाबा शारदा प्रसाद सिंह, मां ऊषा सिंह, धनपतगंज ब्लाक की प्रमुख रहीं। पिता स्व. इंद्रभद्र सिंह दो बार इसौली विधानसभा सीट से विधायक रहे। भाई यशभद्र सिंह मोनू धनपतगंज ब्लाक से ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। हाल में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में बहन अर्चना सिंह ने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता है। सोनू ने आगे जिक्र किया कि परिवार में और सदस्य सरकारी नौकरी में अच्छे पदों पर हैं। अच्छी खेती और कारोबार भी है, इन कारणों से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता भी है।
मनगढ़ंत केस दर्ज कराकर करते हैं उत्पीड़न :- मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र में पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू लिखा कि, जब मेरा परिवार किसी चुनाव में भागीदार बनता है तो परिवार की राजनैतिक, सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के उद्देश्य से सत्ता दल के नेता, मनगढ़ंत केस दर्ज कराकर उत्पीड़न करते हैं। चंद्रभद्र सिंह ने सीएम को हवाला दिया कि मेरे पिता पूर्व विधायक इंद्रभद्र सिंह इसौली से विधायक थे, तब तत्कालीन डीएम अनुराग श्रीवास्तव ने राजनीतिक दबाव में बिना किसी आपराधिक मुकदमे के उनका लाइसेंस निरस्त करके असलहा जमा करा लिया था। उसी के कुछ ही दिनों बाद 21 जनवरी 1999 को दीवानी चौराहे पर दिन में ही बम मारकर उनकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। उन्होंने अपने और पत्नी के नाम जारी लाइसेंस के संबंध में बताया कि 21 साल में उसका गलत उपयोग नहीं हुआ। लेकिन अब लाइसेंस निरस्त कराने की साजिश रची जा रही है। मेरी हत्या का कुचक्र रचा जा रहा, ऐसे में मेरे या परिवार के साथ कुछ हुआ तो उसका जिम्मेदार जिला प्रशासन होगा।